BHU छात्रों के एक दल ने स्वतंत्रता भवन के बाहर कुलपति को ज्ञापन देने का किया प्रयास
Suman Singh October 28, 2024 08:28 PM

काशी हिन्दू यूनिवर्सिटी में अनियमितता को लेकर विद्यार्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया. विद्यार्थियों के एक दल ने स्वतंत्रता भवन के बाहर पहुंचकर कुलपति को ज्ञापन देने का कोशिश किया लेकिन पुलिस और प्राक्टोरियल बोर्ड की टीम ने उन्हें बाहर ही रोक दिया. इसके बाद छात्

आइए अब जानते हैं किन मुद्दों को लेकर विद्यार्थियों ने विरोध किया

पीएचडी प्रवेश की नई नियमावली से सम्बंधित अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर विद्यार्थी संघर्ष समिति के बैनर तले विद्यार्थियों का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार की सुबह परीक्षा नियन्ता से वार्ता करने कन्ट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन ऑफिस पहुची जहां लगभग दो घण्टे तक परीक्षा नियन्ता प्रो एन के मिश्र से छात्रो की वार्ता हुई इस दरम्यान कई बार विद्यार्थियों और परीक्षा नियन्ता के बीच बहसबाजी भी हुई.

आक्रोशित विद्यार्थी कुलपति से मिलने केंद्रीय कार्यालय पहुचें जहां कुलपति की अनुपस्थिति से छात्रो का गुस्सा और तेज हो गया और उन्होंने केन्द्रीय कार्यालय पर ही कुलपति का पुतला फूंक दिया. विद्यार्थियों ने इल्जाम लगाया कि वर्तमान कुलपति विद्यार्थी विरोधी है इसलिए विद्यार्थियों के पीएचडी प्रवेश की प्रबंध को दिन रोजाना और जटिल बनाया जा रहा है. जिसके बाद विद्यार्थी केन्द्रीय शिक्षा मंत्री से मिलने निकले लेकिन उनको रोक दिया गया.

भ्रष्टाचार के विरुद्ध शिक्षा मंत्री को ज्ञापन देने पहुंचे छात्र

बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में आईआईटी बीएचयू दीक्षांत कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों का एक दल पहुंच गया उनके हाथ में मांग पत्र था विद्यार्थियों का बोलना था कि शिक्षा मंत्री से मुलाकात करने दिया जाए लेकिन वहां उपस्थित प्राक्टोरियल बोर्ड की टीम और पुलिस प्रशासन के लोगों ने विद्यार्थियों को रोक दिया. विद्यार्थियों ने अंदर जाने की जिद्दी की इसके बाद मौके पर पहुंचे बीएचयू डिप्टी चीफ प्राक्टर ने विद्यार्थियों से ज्ञापन लेकर पत्र शिक्षा मंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया.

छात्रों की प्रमुख मांग

यूनिवर्सिटी परिसर से हजारों पेड़ो को काटकर धनउगाई करना .

• कार्यकारिणी परिषद की स्थान अतिरिक्त लाखों रुपया की सलाहकारों के नाम पर यूनिवर्सिटी को लूटना.

• IOE के फंड में हुए सैकड़ों करोड़ के गबन का जांच कराया जाए

यूनिवर्सिटी के भीतर से संवाद की परंपरा को रौंदकर अपनी हठधर्मिता से लोकतंत्र को रौंदना .

• हॉस्टल की फीस को चार गुना और पुस्तकालय की फीस को दस गुना तक बढ़ाया गया.

• काशी हिन्दू यूनिवर्सिटी के भीतर सभी प्रमुख पदों जैसे रजिस्टार, विद्यार्थी अधिष्ठाता, परीक्षा नियंत्रक तक पर अस्थाई नियुक्ति करना .

• सुंदरलाल हॉस्पिटल को निजीकरण करना जिससे आम जन को प्रभावित करना. यदि कोई विद्यार्थी विरोध करने प्रयास करता है तो उसके ऊपर मुकदमे लाद दिए जाते है और उसका अपराधीकरण करा दिया जाता है.

यूनिवर्सिटी में एक प्रोफेसर 3 से 4 पदों पर काम कर रहा है ऐसे तमाम प्रोफेसर को उनके सभी पदों से हटाकर एक पद दिया जाए

यूनिवर्सिटी में गैरकानूनी निर्माण करना, गैरकानूनी नियुक्ति करना जिससे धनउगाई किया जाए.

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