सेना के सूत्रों ने बताया कि सैनिकों के पीछे हटने के बाद सत्यापन का काम प्रगति पर है और स्थानीय कमांडरों के बीच बातचीत के जरिये गश्त के तौर-तरीके तय किए जाएंगे. उन्होंने कहा, 'स्थानीय कमांडर स्तर पर बातचीत जारी रहेगी.' सूत्रों ने 25 अक्टूबर को बताया था कि सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया 28-29 अक्टूबर तक पूरी होने की संभावना है. दिवाली पर दोनों पक्षों के बीच मिठाइयों के आदान-प्रदान की योजना के बारे में पूछे जाने पर एक सूत्र ने कहा कि यह सैन्य और कूटनीतिक दोनों लिहाज से एक 'बड़ी जीत' है. हालांकि, फिलहाल यह पता नहीं चला है कि मिठाइयों का आदान-प्रदान कहां किया जाएगा.
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि भारत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के आदर्शों के अनुरूप आम सहमति से चीन के साथ शांति प्रक्रिया जारी रखना चाहता है.उन्होंने कहा, "हम आम सहमति के जरिए इस शांति प्रक्रिया को जारी रखना चाहते हैं. हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि हम दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं. हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं और यह भारत की स्पष्ट नीति है."