Jharkhand Election 2024|झामुमो ने भाजपा द्वारा उठाये जा रहे आदिवासी अस्मिता के मामला का काट ढूंढ लिया है। पार्टी ने छत्तीसगढ़ के हसदेव जंगल की कटाई का मुद्दा विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान उठा दिया है। इसके अतिरिक्त सरना कोड के मामले को भी बल शोर से उठाया है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कल्पना सोरेन ने मंगलवार को विधायक भूषण तिर्की के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए गुमला पहुंची थी। इस दौरान उन्होंने बोला कि हमारे बगल के आदिवासी राज्य छत्तीसगढ़ में इनकी गवर्नमेंट (बीजेपी) बनने के बाद हसदेव जंगल को काटा जा रहा है। वह पर रह रहे आदिवासियों को उनकी ही जमीन से बेदखल किया जा रहा है।
कल्पना सोरेन ने इसके अतिरिक्त सरना धर्म कोड का भी मामला उठाया। उन्होंने बोला कि ये हमे सरना धर्म कोड का मामला भी उठाया। उन्होंने बोला कि हमारा अस्तित्व सरना धर्म कोड है। ये हमें वह कोड नहीं देना चाहते। क्योंकि ये आदिवासी मानते ही नहीं। ये कभी हमें आदिवासी शब्द से पुकारते भी नहीं हैं। जब हम आदिवासी दिवस का महोत्सव मनाते हैं तो ये हमें बधाई भी नहीं देते हैं। क्योंकि ये हमें वनवासी समझते हैं। भाजपा के लोग का घमंड में इतने चूर हैं कि हमारे अस्तित्व के शब्दों को मोल नहीं देते हैं, तो सरना धर्म कोड को क्या देंगे।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी हसदेव जंगल के मामले को चतरा में अपनी चुनावी जनसभा के दौरान उठाया था। उन्होंने बोला था कि छत्तीसगढ़ के हसदेव में बीजेपी ने जंगलों को उजाड़ कर अपने व्यापारी मित्रों को बांट दिया है, जो विरोध कर रहा है उसे बीजेपी के लोग कारावास में डाल दे रहे हैं। बीजेपी झारखण्ड में हमारी माटी छीनने की भी षड्यंत्र कर रही है, इन्हें उत्तर देना है।
आपको बता दें कि हेमंत गवर्नमेंट ने विशेष सत्र बुलाकर झारखंड विधानसभा से सरना धर्म कोड का बिल पास कर गेंद केंद्र गवर्नमेंट के पाले में डाल दी है। झामुमो इसे लेकर लगातार मोदी गवर्नमेंट को घेरती है। सीएम हेमंत सोरेन इसे लेकर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिख चुके हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान भी राहुल गांधी ने इस मामले को चुनाव प्रचार के दौरान जोरशोर से उठाया था।