सीतापुर। उत्तर प्रदेश के सीतापुर में मुसलमान महिला ने हिंदू पुरुष से विवाह रचा ली। दोनों के बीच करीब डेढ़ वर्ष से प्रेम प्रसंग चर रहा था। दोनों ने रामकोट थाना क्षेत्र के माता काली मंदिर में सात फेरे लिए। नूरी से अपना नाम बदलकर निशा रख लिया। अखिलेश के साथ सात जन्मों का बंधन बांध लिया। विवाह हिन्दू शेर सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास हिन्दू ने करवाई। विवाह में जहां नूरी से निशा बनी के परिवारवालों ने दूरी बनाए रखी वहीं अखिलेश के परिजन निशा को अपनाकर घर ले गए। सीतापुर के मछरेहटा का रहने वाला अखिलेश कुमार लुधियाना की एक फैक्ट्री में काम करता था। वहीं पर उसकी मुलाकात मुसलमान महिला नूरी से हुई। दोनों के बीच पिछले डेढ़ वर्ष से प्रेम का सिलसिला चल रहा था। मजहब भिन्न-भिन्न होने की वजह से दोनों परिवार विवाह के लिए राजी नहीं थे।
अखिलेश को अपने साथ किसी अनहोनी की भी संभावना बनी हुई थी। महिला नूरी ने परिवारवालों की असहमति के चलते हिन्दू संगठन, हिंदू शेर सेना से संपर्क किया। सोशल मीडिया के जरिए दोनों प्रेमी युगल को सीतापुर बुलाया गया, जहां काली माता मंदिर में पूरे विधि-विधान के साथ विवाह करवाई गई। विवाह से पहले नूरी ने हिंदू धर्म को अपनाया और अपना नाम निशा रख लिया। नूरी से निशा बनी मुसलमान महिला ने अखिलेश के साथ सात फेरे लिए और परिणय सूत्र में बंधकर अपने नए जीवन की आरंभ की।
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सात फेरे लेने के बाद दुल्हन बनी निशा ने बताया, ‘मेरा नाम नूरी था। विवाह के बाद मैंने अपना नाम बदलकर निशा रख लिया है। मैंने हिंदू धर्म अपनाकर अखिलेश कुमार के साथ विवाह की है। यह निर्णय मैंने अपनी मर्जी से लिया है। पिछले डेढ़ वर्ष से हमारे बीच प्यार था। बहराइच में जो अत्याचार हुई, उसकी वजह से मैंने यह सनातन धर्म अपनाने का निर्णय लिया। मुझे लगा कि ऐसे धर्म में नहीं रहना। मैंने इस्लाम धर्म छोड़कर घर वापसी की है।’
वहीं अखिलेश ने बताया, ‘बहराइच में जो हुआ, वह दुखद था। जिस धर्म में आदमी को आदमी न समझा जाए, उसमें नहीं रहना। ऐसे में नूरी ने अपनी मर्जी से सनातन धर्म अपनाते हुए विवाह की।’