बड़ी लापरवाही! चार की क्षमता वाले ऑटो में चालक सहित यात्रा कर रही थी 14 सवारियां
Krati Kashyap November 07, 2024 03:28 PM

हरदोई में बुधवार को हुए सड़क हादसे में 11 लोगों की मृत्यु और चार लोग जख्मी हुए. इसमें सबसे बड़ी ढिलाई प्रशासन की सामने आई है. चार की क्षमता वाले ऑटो में चालक समेत 14 सवारियां उपस्थित थी, यह आलम तब है जब अभी दो रोज पहले यातायात माह की आरंभ होने पर ट्र

.

घटना के बाद सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी ने लखनऊ में भेजी रिपोर्ट में ऑटो और डीसीएम के सारे कागजात और टैक्स जमा होने का हवाला दिया. साथ ही बाइक आ जाने की वजह से घटना हो जाने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया, लेकिन ऑटो में सवार 14 लोगों को लेकर एआरटीओ प्रशासन कोई उत्तर नहीं दे सके हैं.

थाने के पास से बैठाई जाती है सवारी बिल्हौर कटरा राज्य राजमार्ग पर जो ऑटो हादसे का शिकार हुआ, उसकी क्षमता केवल चार सवारी बैठाने की है. बावजूद इसके सीएनजी से चलने वाले ऑटो में चालक सहित 14 लोग सवार थे. 13 सवारियां लेकर ऑटो चालक राज्य राजमार्ग पर फर्राटा भर रहा था और यातायात माह के बावजूद किसी उत्तरदायी की निगाह इस पर नहीं पड़ी. खास बात यह है कि जहां से ऑटो सवारी भरते हैं, वह स्थान पुलिस स्टेशन से बमुश्किल 500 मीटर दूर है और जहां जाते हैं, वहां से भी कोतवाली 300 मीटर दूर है.

रोशनपुर गांव के पास जिस ऑटो के पलटने से 11 लोगों की जान चली गई, उसमें चालक सहित चार लोग ही बैठ सकते थे. जबकि हादसे के समय उसमें चालक सहित 14 लोग बैठे हुए थे. यदि इसमें चार लोग ही बैठे होते तो इतने लोगों की जान न जाती.

बड़ा प्रश्न यह है कि एसपी नीरज जादौन की कठोर नसीहत के बावजूद माधौगंज थाना क्षेत्र और बिलग्राम कोतवाली क्षेत्र में क्षमता से अधिक सवारी लेकर ऑटो चालक कैसे फर्राटा भर रहे हैं. इस समय तो यातायात हफ्ते भी मनाया जा रहा है. इस दौरान भी यदि इस तरह की ढिलाई बरती जा रही है तो आम दिनों में क्या होता होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.

पहले हो चुका चालान बताते हैं कि हादसे का शिकार हुए ऑटो का एक बार अधिक सवारी बैठाने पर चालान भी हो चुका है, फिर भी ओवरलोडिंग का सिलसिला रुका नहीं. ऑटो चालक ने इससे कोई सबक नहीं लिया. नतीजन 11 लोगों की जान चली गई. ऑटो चालक स्वयं गंभीर रूप से घायल है. मरने वालों में उसका एक सम्बन्धी भी है.

SP ने कहा- सबकी जिम्मेदारी होगी तय पुलिस स्टेशन के बगल से ठूंस ठूंस कर सवारी भरने वाले ऑटो चालकों पर पुलिस ध्यान ही नहीं देती हैं या फिर ले देकर मुद्दा निपट जाता है.

बरहाल पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन का बोलना है कि सबकी जिम्मेदारी तय होगी. अभी अहमियत घायलों को बेहतर उपचार मौजूद कराना है. शवों का पोस्टमार्टम कराना और परिजनों को ढांढस बंधाना है. गलती जिसकी भी होगी वह रिज़ल्ट अवश्य भुगतेगा.

© Copyright @2024 LIDEA. All Rights Reserved.