रिलायंस इंडस्ट्रीज़ की मार्केट कैप तीन माह में इतनी कम हुई कि निफ्टी 50 की चार कंपनिया बन जाएं, गहरे नुकसान में कंपनी
et November 08, 2024 05:42 PM
शेयर मार्केट में लगातार गिरावट हो रही है, जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के शेयर प्राइस में आ रही गिरावट का बड़ा योगदान है. रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के शेयर प्राइस लगातार गिर रहे हैं. रिलायंस एजीएम में बोनस शेयर की घोषणा से लेकर बोनस शेयर मिलने तक रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के शेयर इस हद तक गिर गए हैं कि उसका मार्केट कैप 20.50 लाख करोड़ रुपए से गिरकर 17.50 लाख करोड़ रुपए हो गया है. साथ ही कंपनी वित्तवर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में 50 बिलियन डॉलर के घाटे में है.Reliance Industries Ltd के शेयर शुक्रवार को 1.85% की गिरावट के साथ 1,285.05 रुपए के लेवल पर ट्रेड कर रहे हैं. कंपनी का मार्केट कैपिटलाइज़ेशन 17.40 लाख करोड़ रुपए है.चार लाख करोड़ रुपए का मार्केट कैप मामूली बात नहीं है. इतने में निफ्टी 50 की टाटा कंज़्यूमर, अपोलो हॉस्पिटल्स, डॉक्टर रेडीज़ और श्रीराम फाइनेंस जैसी चार कंपनियां बन जाएं. इन सभी कंपनियों का मार्केट कैप एक-एक लाख करोड़ है. जुलाई में अपने चरम से रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने मार्केट कैपिटलाइज़ेशन में लगभग 50 बिलियन डॉलर की कमी आई है, क्योंकि सबसे मूल्यवान भारतीय फर्म कमजोर अर्निंग और आर्थिक मंदी से जूझ रही है. अरबपति मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिफाइनिंग-टू-रिटेल ग्रुप के शेयरों में इस साल मुश्किल से ही बढ़ोतरी हुई है, जो बेंचमार्क एनएसई निफ्टी 50 इंडेक्स से लगभग एक दशक में सबसे बड़े अंतर से पीछे है.जबकि हाल के महीनों में विदेशी बिकवाली और अर्निंग बढ़ती की चिंताओं के कारण व्यापक भारतीय बाजार दबाव में आ गए हैं. देश के प्रमुख सूचकांक अभी भी 2024 में एशिया के सबसे अच्छे प्रदर्शन करने वाले प्रमुख बाजारों में शामिल हैं. रिलायंस के शेयरों में हाल ही में आई गिरावट का मुख्य कारण पिछले महीने के निराशाजनक नतीजे हैं. कंपनी की अर्निंग लगातार छठी तिमाही में आम सहमति के अनुमान से कम रही, क्योंकि इसके प्रमुख ऑइल-टू-केमिकल बिज़नेस के लिए मांग का माहौल कम रहा. कंपनी ने अगस्त में अपनी वार्षिक शेयरधारकों की बैठक में निवेशकों को प्रत्येक शेयर के लिए एक निःशुल्क शेयर की पेशकश की, हालांकि इसने अपनी कम्यूनिकेशन और रिटेल यूनिट की लिस्टिंग के बारे में कोई विवरण नहीं दिया. इसके वायरलेस सर्विस डिपार्टमेंट रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड ने टैरिफ बढ़ोतरी के बाद उस महीने क्लाइंट को खो दिया.