मुंगेर : बिहार के मुंगेर जिले के टेटिआ बम्बर गांव का इतिहास अंग्रेजों के समय से जुड़ा हुआ है, जहां कभी अंग्रेज और क्षेत्रीय लोग शराब के ठेकों पर जुटते थे। अंग्रेजों के समय शराब के ठेकों को ‘कलाली’ बोला जाता था। इस स्थान पर शराब पीने का रिवाज अंग्रेजी शासनकाल से चला आ रहा था, लेकिन आज यह जगह पूरी तरह बदल गया है। अब इसे ‘कालाग्राम’ के नाम से जाना जाता है।
राजन कुमार: गांव की सोच बदलने वाले अभिनेता
इस परिवर्तन का श्रेय यहां के निवासी और प्रसिद्ध अदाकार राजन कुमार को जाता है, जिन्हें गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी जगह मिला है। वे ‘चार्ली चैप्लिन 2’ के नाम से भी मशहूर हैं। राजन कुमार ने अपने गांव की छवि बदलने का बीड़ा उठाया, जब उन्होंने अपने पड़ोस की एक स्त्री से ‘कलाली’ शब्द सुना। उन्हें यह नाम अच्छा नहीं लगा और तभी उन्होंने तय किया कि इस स्थान का नाम बदला जाएगा। इसके बाद गांव के लोगों के साथ मिलकर उन्होंने इस जगह का नाम बदलकर “कालाग्राम” कर दिया।
कलाली से कालाग्राम एक प्रेरक यात्रा
राजन कुमार बताते हैं कि ‘कलाली’ शब्द सुनने में अच्छा नहीं लगता था और इसे बदलने का निर्णय आसान नहीं था। अंग्रेजों के समय से चली आ रही इस स्थान के नाम को बदलना एक चुनौतीपूर्ण काम था। लेकिन गांव वालों के योगदान से ‘कालाग्राम’ नाम रखा गया। आज यहां रेस्टॉरेंट, चिकित्सक की क्लिनिक, कलाकारों के लिए परफॉर्मेंस की जगह, मॉल और शॉपिंग सेंटर जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। समय-समय पर यहां कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
राजन कुमार का बोलना है कि जल्द ही इस कालाग्राम में और भी विकास होने वाला है, जिससे गांव के बच्चों, स्त्रियों और बुजुर्गों को नए अवसर मिलेंगे। अब यह जगह सिर्फ़ एक पुरानी याद नहीं, बल्कि एक आधुनिक और प्रगतिशील गांव के रूप में विकसित हो रहा है, जहां कला और संस्कृति को भी बढ़ावा मिल रहा है।