-प्रत्येक टॉयलेट पर क्यूआर कोड के माध्यम से फीडबैक की मिलेगी सुविधा
-मैनुअल सफाई झंझट खत्म, जेट स्प्रे क्लीनिंग सिस्टम से तुरंत होगी सफाई
प्रयागराज, 08 नवम्बर . योगी सरकार ने सनातन संस्कृति की अमूर्त विरासत महाकुम्भ को स्वच्छता के मॉडल के रूप में प्रस्तुत करने के लिए इस बार स्वच्छ महाकुम्भ का आह्वान किया है. इसको लेकर व्यापक पैमाने पर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. 1.5 लाख टॉयलेट्स और यूरिनल्स को पूरे मेला क्षेत्र और पार्किंग स्थलों पर स्थापित किया जाना है. लेकिन सबसे बड़ी चुनौती इन टॉयलेट्स की साफ सफाई को लेकर है, जिसकी पुख्ता तैयारी की गई है.
क्यूआर बेस्ड मॉनीटरिंग सिस्टम के माध्यम से टॉयलेट्स में स्वच्छता का सर्वे किया जाएगा और ऐप के माध्यम से जिस टॉयलेट में गंदगी की जानकारी मिलेगी उसे चंद मिनटों में क्लीन कर दिया जाएगा. यही नहीं, सफाई के लिए जेट स्प्रे क्लीनिंग सिस्टम अपनाया जाएगा, ताकि मैनुअल सफाई की आवश्यकता न पड़े. वहीं, सेप्टिक टैंक को खाली करने के लिए भी सेसपूल ऑपरेशन प्लान तैयार कर लिया गया है.
ऐप बेस्ड फीडबैक की व्यवस्था
13 जनवरी से 26 फरवरी तक 45 दिन चलने वाले महाकुम्भ में इस बार 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आने की सम्भावना है. ऐसे में पूरे मेला क्षेत्र में 1.5 लाख टॉयलेट्स और यूरिनल्स स्थापित किए जा रहे हैं. टॉयलेट्स इंस्टॉल किए जाने के साथ-साथ इनको स्वच्छ बनाए रखने के लिए भी व्यापक तैयारी है. इसमें टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. महाकुम्भ मेला की विशेष कार्याधिकारी आकांक्षा राणा के मुताबिक स्वच्छता को लेकर विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है. इस बार क्यूआर कोड से स्वच्छता की मॉनीटरिंग की जा रही है. यह ऐप बेस्ड फीडबैक प्रोवाइड कराएगा, जिसके माध्यम से जल्द से जल्द सफाई सुनिश्चित की जाएगी.
कंट्रोल रूम से वेंडर्स को दिया जाएगा फीडबैक
उन्होंने बताया कि इन सभी टॉयलेट्स की निगरानी का जिम्मा 1500 गंगा सेवा दूतों को सौंपा गया है, जो सुबह-शाम एक-एक टॉयलेट को चेक करेंगे. वह आईसीटी ऐप के माध्यम से प्रत्येक टॉयलेट पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करेंगे और उस ऐप में दिए गए सवालों के जवाब हां या ना में देंगे. इन सवालों में शौचालय साफ है या नहीं, टॉयलेट का डोर टूटा तो नहीं है, पर्याप्त पानी की मात्रा है या नहीं, जैसे सवाल होंगे. इन सवालों का जवाब सबमिट करते ही यह फीडबैक कंट्रोल रूम पर पहुंच जाएगा. जिन टॉयलेट्स में सफाई मानक के अनुरूप नहीं होगी, उनकी डिटेल सम्बंधित वेंडर्स को चली जाएगी और फिर चंद मिनटों में वेंडर्स द्वारा टॉयलेट की सफाई संपन्न कराई जाएगी. सिर्फ गंगा सेवा दूत ही नहीं, बल्कि आम लोग भी इस ऑनलाइन व्यवस्था के माध्यम से गंदगी का फीडबैक दे सकेंगे.
मैनुअली सफाई की नहीं होगी आवश्यकता
आकांक्षा राणा ने बताया कि इस बार सफाई की ऐसी व्यवस्था की गई है कि मैनुअली टॉयलेट साफ करने की आवश्यकता नहीं होगी. जेट स्प्रे क्लीनिंग सिस्टम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में पूरी तरह टॉयलेट्स को साफ कर दिया जाएगा. दरअसल, जेट स्प्रे क्लीनिंग सिस्टम में पानी का हाई प्रेशर मेंटेन होता है, जिससे किसी भी तरह की गंदगी को हटाना आसान है. इसी तरह का क्लीनिंग सिस्टम रेलवे टॉयलेट्स को भी साफ करने में किया जाता है. इसके अतिरिक्त सेसपूल ऑपरेशन प्लान भी तैयार किया गया है, जिसके माध्यम से मेला क्षेत्र में स्थापित टॉयलेट्स के सेप्टिक टैंक को खाली किया जाएगा. सेप्टिक टैंक खाली कर यहां से वेस्ट को एसटीपी प्लांट या अन्य जगह शिफ्ट किया जाएगा.
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/ विद्याकांत मिश्र