35 की उम्र के बाद, महिलाओं में तनाव और जीवनशैली की वजह से हार्मोनल असंतुलन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिसका प्रभाव उनकी त्वचा और संपूर्ण स्वास्थ्य पर दिखता है। स्किन का ग्लो खोना, चेहरे पर मुंहासे, रंगत में बदलाव, और अन्य समस्याएं इनमें से कुछ आम लक्षण हैं। ऐसे में आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सेवन इन समस्याओं से राहत प्रदान कर सकता है। यहां कुछ ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां बताई गई हैं जो आपकी दिनचर्या में शामिल की जा सकती हैं और कुछ ही समय में सकारात्मक परिणाम देती हैं।
1. शतावरीआयुर्वेद में शतावरी को विशेष रूप से महिलाओं के लिए लाभकारी माना गया है। यह मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने के साथ-साथ गर्भधारण की संभावना भी बढ़ाती है। शतावरी स्किन की झुर्रियों, झाइयों और एक्ने से राहत दिलाने में सहायक है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ग्लूथियोन त्वचा को अंदर से साफ करता है और हार्मोनल असंतुलन से उत्पन्न समस्याओं को कम करता है।
शतावरी का सेवन कैसे करें:शतावरी पाउडर: शतावरी पाउडर को गर्म पानी या दूध के साथ एक से दो चम्मच रोजाना लें। यह स्किन के टेक्सचर को सुधारने और ग्लो बढ़ाने में मदद करता है।
शतावरी टी: उबलते पानी में शतावरी पाउडर डालकर चाय बनाएं और इसे दिन में एक बार पिएं।
2. मंजिष्ठामंजिष्ठा त्वचा की सुंदरता और रंगत बढ़ाने में कारगर आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। यह रक्त शुद्धि में मदद करती है और त्वचा पर ब्लड इम्प्योरिटी से होने वाले मुंहासे और अन्य समस्याओं को कम करती है। मंजिष्ठा पाउडर को गर्म पानी में उबालकर पीने से स्किन क्लियर होती है और यह ब्लड शुगर लेवल को भी मैनेज करने में सहायक है। ध्यान रहे कि इसकी अधिक मात्रा से पाचन पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
3. जावित्रीजावित्री में विटामिन A, C, B1, और B2 के साथ-साथ कैल्शियम, मैग्नीशियम और जिंक जैसे आवश्यक मिनरल्स होते हैं। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण त्वचा पर होने वाली सूजन, दाग-धब्बों को कम करने में सहायक हैं। यदि आप त्वचा की खोई चमक वापस लाना चाहती हैं तो जावित्री का सेवन फायदेमंद हो सकता है।
जावित्री का सेवन कैसे करें:जावित्री चाय: रात को सोने से पहले जावित्री को पानी में उबालकर चाय बनाएं और पिएं। यह त्वचा की प्राकृतिक चमक को बनाए रखने में मदद करती है।
ये तीन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां महिलाओं के स्वास्थ्य और सुंदरता को बनाए रखने में सहायक हैं। इनके नियमित सेवन से 35 के बाद भी आपकी त्वचा पर एक स्वस्थ और प्राकृतिक निखार बना रहेगा। अस्वीकरण: किसी भी प्रकार के उपचार या प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
बदलते मौसम में स्कीन कब रुखे और बेजान हो जाए, कहा नहीं जा सकता। लेकिन अगर आप डाबर च्यवनप्राश का सेवन करते हैं तो इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन्स त्वचा को अंदर से पोषण देने में मदद कर सकते हैं, जिससे त्वचा की चमक और रंगत बेहतर हो सकती है।
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