मारकुंबी हिंसा मामला: कर्नाटक हाई कोर्ट ने 99 आरोपियों को दी जमानत, मिला था आजीवन कारावास
Marakumbi Atrocities Case: कर्नाटक उच्च न्यायालय की धारवाड़ पीठ ने आज उन 99 लोगों को जमानत दे दी है, जिन्हें कोप्पल जिले के मारकुंबी दलित अत्याचार मामले में जिला अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। पिछले महीने कोप्पल जिला अदालत ने 10 साल पहले गांव में दलितों पर हुए अत्याचार के मामले में 99 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। लेकिन आज हाई कोर्ट ने इन्हें जमानत दे दी।
एक दशक पुराना है मारकुंबी अत्याचार मामला
24 अक्टूबर 2024 को कर्नाटक की एक जिला अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसले में एक दशक पुराने मारकुंबी जाति अत्याचार मामले में 101 लोगों को दोषी ठहराया था। अदालत ने दलितों की झोपड़ियों को जलाने के आरोप में 99 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अदालत ने प्रत्येक आरोपी पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
कोप्पल की मुख्य जिला एवं सत्र अदालत ने एक जाति के 99 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अदालत ने एसटी समुदाय के तीन लोगों को भी पांच साल के कठोर कारावास और 2,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी।
यह मामला 2014 में गंगावती तालुक के मरकुंबी गांव में मडिगा समुदाय के खिलाफ जाति आधारित हिंसा से जुड़ा है। झड़प एक मूवी थियेटर में खास जाति के कुछ युवकों और दलितों के बीच हाथापाई के बाद शुरू हुई थी। मामले के मुख्य आरोपी मंजूनाथ ने गंगावती के थियेटर में कुछ लोगों के साथ हाथापाई की। दलितों को कथित तौर पर नाई की दुकानों और खाने-पीने की दुकानों में प्रवेश से भी वंचित किया गया था।