UP Jhansi Medical College: झांसी में हुए अग्निकांड पर डिप्टी सीएम ने दिए जांच के आदेश
Krati Kashyap November 16, 2024 01:27 PM

UP Jhansi Medical College: झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में शुक्रवार की रात 10:30 बजे आग लग गई, जहां 54 नवजात शिशुओं का उपचार और नज़र की जा रही थी. आग में 10 बच्चों की जलकर मृत्यु हो गयी है. वहीं कई बच्चे घायल हैं जिनका इलाज हो रहा है. नवजात शिशुओं के 7 शवों की पहचान की गई है, 3 शवों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है. हादसे के बाद यूपी के डिप्टी मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक हॉस्पिटल पहुंचे और शोक संतप्त परिवारों से मुलाकात की. घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने आश्वासन दिया कि आग के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए गहन जांच की जाएगी. इस बीच, हॉस्पिटल प्रशासन द्वारा नवजात शिशुओं के शवों की पहचान करने के कोशिश जारी हैं. उत्तर प्रदेश के डिप्टी मुख्यमंत्री ने बोला कि घटना की स्वास्थ्य विभाग स्तर पर जांच के आदेश दे दिए गए हैं और प्रशासन द्वारा एक और जांच की जाएगी.

jhansi medical college fire incident jpg

झांसी हॉस्पिटल अग्निकांड पर प्रमुख अपडेट इस प्रकार हैं
1. उपमुख्यमंत्री पाठक ने बोला कि जांच के दौरान यदि कोई चूक या ढिलाई पाई जाती है तो जिम्मेदारों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.
2. झांसी मेडिकल कॉलेज में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी… यदि कोई चूक पाई जाती है, तो जो लोग उत्तरदायी होंगे, उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. गवर्नमेंट बच्चों के परिजनों के साथ है.

3. डिप्टी मुख्यमंत्री ने आगे बोला कि फरवरी में एक सुरक्षा ऑडिट किया गया था, और जून में एक अग्नि-सुरक्षा मॉक ड्रिल की गई थी.

4. उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएमने आगे बोला कि राज्य गवर्नमेंट अग्नि पीड़ितों के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी.

5. “यह घटना कैसे हुई और क्यों हुई, हम इसके बारे में जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कह सकते हैं…नवजात शिशुओं के 7 शवों की पहचान की गई है, 3 शवों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है…नवजात शिशुओं के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी

6. सपा ने इस दुखद घटना के पीछे उत्तरदायी लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है, इसे मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ढिलाई का नतीजा कहा है.

7. सपा के पूर्व सांसद डाक्टर चंद्रपाल सिंह यादव ने दावा किया कि दोपहर में शॉर्ट सर्किट हुआ था, लेकिन इसे भी नजरअंदाज कर दिया गया.

8. “अगर इसे गंभीरता से लिया गया होता, तो यह घटना टाली जा सकती थी. इसके लिए उत्तरदायी लोगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई होनी चाहिए…” उन्होंने इल्जाम लगाया.

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