1951 Rolls Royce Dispute: रोल्स-रॉयस कार शानो-शौकत की निशानी मानी जाती हैं. हर कोई इन गाड़ियों को खरीदने का ख्वाब देखता है. लेकिन इस लग्जरी कार से जुड़ा एक ऐसा मामला सामने आया है, जो कि सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. साल 1951 की रोल्स-रॉयस की हैंडमेड क्लासिक कार एक शाही परिवार की शादी का हिस्सा बन गई है. उस समय की ये इकलौती कार है, जिसकी कीमत 2.5 करोड़ रुपये के करीब है. रोल्स-रॉयस की ये कार देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने बड़ौदा की उस समय की महारानी के लिए मंगवाई थी.
मध्य प्रदेश के ग्वालियर की रहने वाली एक महिला ने अपने पति के खिलाफ केस दर्ज किया है. ये केस दहेज की मांग और क्रूरता के आरोप में दायर किया गया है. दरअसल महिया ने दावा किया गया है कि उसके पति और घरवालों की तरफ से दहेज में रोल्स-रॉयस कार और मुंबई में एक फ्लैट की मांग की है. वहीं उस महिला के पति ने इन सभी आरोपों को नकार दिया है.
महिला ने पहले याचिका मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में दाखिल की थी, जहां इस मामले को खारिज कर दिया गया. अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश किया गया है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइंया की पीठ ने बुधवार, 13 नवंबर को इस मामले की सुनवाई की.
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कहा गया कि इस मामले को मध्यस्थता से सुलझाय जा सकता है. यदि दोनों पक्ष आपस में बातचीत करके इस मामले को सुलझा लेते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है. कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील और पूर्व न्यायाधीश आर बसंत को दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता कराने के लिए नियुक्त किया गया है. इस मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 20 दिसंबर की तारीख दी है.
महिला का दावा है कि वो ग्वालियर के एक प्रतिष्ठित परिवार से है, जिसके पूर्वज छत्रपति शिवाजी महाराज की नौसेना में एडमिरल के पद पर थे और उन्हे कोंकण क्षेत्र का शासक घोषित किया गया था. महिला ने सुप्रीम कोर्ट में तलाक के लिए याचिका दायर की है. वहीं कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए मध्यस्थता करने की सलाह दी है.
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