नालंदा में 16 से 18 नवंबर तक आयोजित होने वाले ‘नालंदा ज्ञान कुंभ’ में राष्ट्र के कोने-कोने से एक हजार से अधिक शिक्षाविद और 200 से अधिक शैक्षिक संस्थान भाग लेंगे. आयोजन विकसित हिंदुस्तान के निर्माण के लिए शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने का कोशिश है.
बिहार के गवर्नर राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर 17 नवंबर को इस ज्ञान कुंभ का उद्घाटन करेंगे. उद्घाटन कार्यक्रम में राष्ट्र के कई गणमान्य आदमी शामिल होंगे, जिनमें विदेश राज्यमंत्री पवित्रा मार्गरिटा, सिक्किम और मेघालय के पूर्व गवर्नर गंगा प्रसाद, अध्यात्मिक गुरु स्वामी गोविंद देव गिरी जी महाराज, डाक्टर अतुल कोठारी, बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, उप सीएम विजय कुमार सिन्हा और नालंदा यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति प्रो अरविंद पनगढ़िया प्रमुख हैं.
ज्ञान कुंभ का उद्देश्य
आयोजन समिति के अध्यक्ष और नालंदा खुला यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो। केसी सिन्हा ने कहा कि इस ज्ञान कुंभ का मुख्य उद्देश्य भारतीय ज्ञान परंपरा और भारतीय भाषाओं के संदर्भ में अखिल भारतीय अकादमिक परिसंवाद करना है. उन्होंने बोला कि विकसित हिंदुस्तान 2047 के सन्दर्भ में भारतीय ज्ञान परंपरा और भारतीय भाषाओं के संदर्भ में अखिल भारतीय अकादमिक परिसंवाद का भी आयोजन किया जाएगा.
प्रदर्शनी का उद्घाटन मंत्री श्रवण कुमार करेंगे
यह तीन दिवसीय आयोजन प्रतियोगिता, प्रदर्शनी और परिसंवाद के रूप में आयोजित की जाएगी. प्रतियोगिता में प्रथम जगह प्राप्त करने वाले को 51 हजार रुपए का नगद पुरस्कार दिया जाएगा. 16 नवंबर को प्रदर्शनी का उद्घाटन मंत्री श्रवण कुमार करेंगे.
84 भिन्न-भिन्न सत्र का आयोजन किया जाएगा
नालंदा यूनिवर्सिटी के अंतरिम कुलपति प्रो। अभय कुमार सिंह ने कहा कि ज्ञान कुंभ में विकसित हिंदुस्तान -2047 और भारतीय ज्ञान परंपरा को स्थापित करने के लिए नीति निर्धारण की जाएगी. तीन दिवसीय इस ज्ञान कुंभ में करीब 84 भिन्न-भिन्न सत्र का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 270 अध्ययन पत्रों की प्रस्तुति होगी. शिक्षा के उत्थान के लिए, विकसित हिंदुस्तान – 2047 की नीति निर्धारण और भारतीय ज्ञान परंपरा को पुनर्स्थापित करने के लिए विद्वानों के द्वारा गहन चिंतन और मंथन किया जाएगा.