बिहार में शराबबंदी कानून गरीब लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। पुलिस और तस्करों की मिलीभगत से गैरकानूनी शराब का धंधा बिहार में खूब फल फूल रहा है। ऐसा बोलना है पटना उच्च न्यायालय का। एक मुकदमा की सुनवाई के दौरान पटना उच्च न्यायालय के जस्टिस पूर्णेन्दु सिंह ने राज्य में शराबबंदी पर यह टिप्पणी की। इसकी जमीनी हकीकत जानने जब लोकल 18 की टीम पटना के लोगों के बीच पहुंची तो लोगों ने सारी हकीकत बता दी। लोगों ने बोला कि पुलिस और तस्करों की मिलीभगत से बिहार में शराब हर स्थान मिल रही है। होम डिलीवरी भी हो रही है। यदि प्रशासन चाह जाए तो एक दिन में यह लागू हो जाएगा लेकिन सब अपनी कमाई करने में मग्न हैं।
पटना के एग्जीबिशन रोड में शनिवार की सुबह लिट्टी और चोखा का स्वाद चख रहे अमित कुमार ने स्वीकार किया कि वो हमेशा शराब का सेवन करते हैं और इसकी होम डिलीवरी भी होती है। उनका बोलना है कि बिहार में शराब हर स्थान धड़ल्ले से मिल रही है लेकिन थोड़ी महंगा मिल रही है। इसलिए कभी कभार हम भी मंगा लेते हैं। यह बात सुनकर बगल में लिट्टी खा रहे मो। जफर इमाम भड़क गए। उनका बोलना है कि यदि आप शराब मंगवाते हैं तो सबूत दीजिए और बेचने वाले को पकड़वाओ। नशे की कोई भी चीज बिकना नहीं चाहिए। इसे पूरी तरह से बैन कर देना चाहिए। इसमें जनता को सपोर्ट करना होगा। दोनों के बीच लोकल 18 के कैमरे के सामने खूब बहस चली।
शराबबंदी एक बिजनेस बन चुका है
पटना उच्च न्यायालय के टिप्पणी पर सहमति दिखाते हुए सुधीर बताते हैं कि बिहार में शराबबंदी एक व्यापार बन चुका है। उनका बोलना है कि गरीब के लिए ही शराब को बंद किया गया है और फिर भी गरीब महंगा खरीद कर पी रहा है और मर भी रहा है। इससे हानि तो गरीब जनता का ही है। यह तभी हो रहा है जब पुलिस की मिलीभगत है। यदि किसी प्रखंड की पुलिस यह ठान लेती है कि उसके क्षेत्र में शराब नहीं मिलेगी, किसी की मजाल है जो शराब बेच लेगा। यह सब मिलीभगत का खेल है। पुलिस और तस्करों की मिलीभगत से यह एक बहुत बढ़िया बिजनेस बन चुका है।
बेचने वाले को छोड़ पीने वाले को पकड़ा जाता है
राजू सिंह बताते हैं कि गवर्नमेंट ने शराब बंद की है तो जान बुझ कर जुगाड़ करके जहर पीने पर हानि ही होगा। शराब, गांजा, अफीम का खूब ब्लैक मार्केटिंग हो रहा है। प्रशासन केवल अपना टारगेट पूरा करने में जुटी हुई है। इसके लिए सड़क चलते लोगों को पकड़ कर ले जाती है। यदि सच में शराबबंदी को लागू करवाना है तो पुलिस को तस्करों पर नकेल कसना चाहिए ना कि आम जनता को परेशान करना चाहिए। इसके अतिरिक्त भी कई लोगों ने इस बात पर हामी भरी है कि बिहार में गैरकानूनी शराब का धंधा खूब फल फूल रहा है। पब्लिक महंगा भी खरीदती है और पी के मरती भी है। होम डिलीवरी की भी सुविधा मौजूद है। यह बिना पुलिस और तस्करों की मिलीभगत के संभव नहीं है।