ICMR Study: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के हालिया रिसर्च में Drug-Resistant Infection को लेकर खुलासा हुआ है. इसमें बताया गया है कि Drug-Resistant Infection यानी दवा-प्रतिरोधी संक्रमणों का इलाज सामान्य इंफेक्शन के मुकाबले 33.1% महंगा है. स्टडी में बताया गया कि ड्रग रेजिस्टेंस इंफेक्शन का इलाज 1,238 अमेरिकी डॉलर खर्च है, जबकि सामान्य इंफेक्शन का 827 डॉलर. सरकारी अस्पतालों में यह खर्च 199 डॉलर और 108.5 डॉलर है, जबकि प्राइवेट अस्पतालों में यह 3,382 डॉलर और 3,019 डॉलर हो जाता है.
स्टडी में ये भी बताया गया कि दवा-प्रतिरोधी संक्रमणों से पीड़ित मरीजों को करीब 23 दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ता है. वहीं, सामान्य संक्रमणों के लिए यह अवधि केवल 12 दिनों की होती है. अध्ययन में बताया गया कि इन संक्रमणों से मृत्यु दर भी बढ़ जाता है. दवा-प्रतिरोधी मामलों में करीब 29.5% मृत्यु हुई, जबकि सामान्य संक्रमणों में यह दर 20% थी.
ICMR की स्टडी में भी यह पता चला कि लगभग 45% मरीजों को इलाज के लिए कर्ज लेना पड़ता है. कई परिवारों को तो अपनी जमीन बेचनी या गिरवी भी रखनी पड़ती है. दवा-प्रतिरोधी संक्रमणों वाले मरीजों में यह आंकड़ा 47.6% है. इसमें से 10.5 प्रतिशत मामलों में परिवार के अन्य सदस्यों को काम शुरू करना पड़ा और बच्चों को स्कूल से निकालने की घटनाएं भी सामने आईं.
इन आंकड़ों से ये साफ होता है कि एएमआर न केवल स्वास्थ्य बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्थिति को भी प्रभावित करता है. दवाओं के अत्यधिक और गलत उपयोग को रोकना एएमआर को कम करने का सबसे प्रभावी तरीका है. इसके अलावा, डॉक्टरों को ब्रॉड-स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक्स का अनावश्यक उपयोग करने से बचना चाहिए. साथ ही संक्रमण की जांच के बाद ही लक्षित दवाएं लिखनी चाहिए.