एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी के संभल में विवादित स्थल के सामने बन रही पुलिस चौकी को वक्फ की जमीन पर बनाने का इल्जाम लगाया था. इस पर संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने बोला कि यह पुलिस चौकी नियमानुसार बनी है. जहां हमें अनुमति लेनी थी, वहां हम ने पत्र भेजकर अनुमति के लिए आवेदन किया है.
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उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, ” विवादित स्थल के सामने बन रही सत्यव्रत पुलिस चौकी को हम नियमानुसार बना रहे हैं. जहां हमें अनुमति लेनी थी, वहां हम ने पत्र भेजकर अनुमति के लिए आवेदन किया है. साथ ही, उस भूमि के प्रारंभिक दावों का कोई ठोस आधार नहीं मिला है, लेकिन यदि कोई आदमी या प्रभावित पक्ष आवेदन करता है, तो हम उस पर विचार करेंगे. अब तक हमारे पास कोई आवेदन नहीं आया है. हमें एक प्रतिनिधिमंडल के माध्यम से जो डॉक्यूमेंट्स प्राप्त हुए थे, उनका त्रि-सदस्यीय समिति ने परीक्षण किया. उन दस्तावेजों की वैधता नहीं पाई गई.”
स्थानीय सांसद की संभावित गिरफ्तारी पर उन्होंने बोला कि यह एक जांच का विषय है, और हमारी जांच जारी है. जो भी जानकारी मिलेगी, उस आधार पर हम कार्रवाई करेंगे.
उन्होंने जिले में बिजली चोरी और कब्ज़ा की घटनाओं पर कहा, “हमने बिजली चोरी रोकने में आंशिक कामयाबी पाई है और कब्ज़ा भी हटाया है. ट्रैफिक जाम और शहरी अव्यवस्थाओं से बचने के लिए और राजस्व की नुकसान रोकने के लिए शासन और प्रशासन लगातार कोशिश कर रहे हैं. यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी.”
इसके बाद उन्होंने कहा, “संभल को लेकर बोला जाता है कि यह शंभू की नगरी है, जहां तीन प्रमुख शिव मंदिर हैं: चंद्रेश्वर, संभलेश्वर, और भुवनेश्वर. इनके बीच कुल 19 कूप, 36 कुनबे, 52 सराय और 68 तीर्थ स्थल हैं. 68 तीर्थ और 19 कूपों को मिलाकर के कुल 87 देव तीर्थ हैं. इन सभी के संरक्षण से पानी के संरक्षण की दिशा में सहायता मिलेगी और भविष्य में पर्यटन और तीर्थाटन को बढ़ावा मिलेगा. अयोध्या, काशी और मथुरा की तर्ज पर संभल को एक प्रमुख तीर्थ नगरी के रूप में विकसित किया जाएगा.”