पटना ( अ सं ) । सूबे के सरकारी राजस्व का एक तिहाई हिस्सा अकेले खनन विभाग देता है । नये बालू खनन नीति लागू होने से सरकार को राजस्व में भारी इज़ाफ़ा हुआ है वहीं बिना चालान व ओवरलोडिंग में पटना ने 15 करोड़ 64 लाख व भोजपुर ने 39 करोड़ 06 लाख रूपए का दंड वसूली कर सरकार को अतिरिक्त राजस्व देने का काम किया है ।
पटना जिला खनन कार्यालय की मानें तो जनवरी 2024 से दिसंबर 2024 तक , एक वर्ष में 861 छापेमारी करते हुए 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है । बिना चालान और ओवरलोडिंग से जुड़े 317 एफ़आइआर दर्ज किया गया है एवं 1506 वाहनों को जब्त किया गया है । वहीं भोजपुर खनन कार्यालय की मानें तो जनवरी 2024 से दिसंबर 2024 तक एक वर्ष में 1741 छापेमारी किया गया है एवं 251 के विरूद्ध एफ़आइआर दर्ज किया गया है । जिला खनन भोजपुर के छापामारी में 124 लोगों को गिरफ्तार करते हुए 1596 वाहनों को जब्त किया गया है ।
नये बिहार बालू खनन नीति से जहां सरकार के राजस्व की वृद्धि हुई है वहीं नये बालू भंडारण नीति से युवाओं को रोज़गार का अवसर प्रदान हुआ है । बालू स्टॉक लाइसेंस को लेकर तीन श्रेणी में बांटा गया है । बड़ा, मध्यम और छोटा तीन तरह के बालू भंडारण ( . के . ) लाइसेंस दिया जा रहा है । बड़ा लाइसेंस के लिए 2 लाख रूपए का वन टाइम चालान लिया जा रहा है । मध्यमवर्गीय के लिए 50 हज़ार एवं छोटा लाइसेंस के लिए 10 हज़ार का चालान का प्रावधान है ।
बड़ा व मध्यम वर्गीय बालू स्टॉक लाइसेंस के लिए धर्मकांटा अनिवार्य किया गया है । बड़ा के लाइसेंस के लिए स्वयं की धर्मकांटा होगा वहीं मध्यमवर्गीय के लिए संयुक्त धर्मकांटा रहेगा । छोटा के लाइसेंस में धर्मकांटा की छूट दी गई है । लेकिन तीनों श्रेणियों के बालू स्टॉक लाइसेंस पर सीसीटीवी अनिवार्य किया गया है जो खनन मुख्यालय से जुड़ा होगा । बालू स्टॉक लाइसेंस सार्वजनिक स्थलों जैसे शैक्षणिक संस्थान, घर्म संस्थान, सार्वजनिक स्थान, घनी आबादी के सटे नहीं दिया जायेगा एवं बालू स्टॉक का टीना से घेराबंदी अनिवार्य रूप से करना है ताकि बालू के कणों से आम लोगों पर के प्रतिकूल प्रभाव न पड़ सकें ।