Defamation Case: राहुल गांधी को बड़ी राहत, पुणे कोर्ट ने सावरकर टिप्पणी मामले में दी जमानत
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पुणे की एक विशेष अदालत से मानहानि के मामले में राहत मिली है। यह मामला हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर पर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी से जुड़ा है। शुक्रवार, 10 जनवरी 2025 को पुणे की एमपी/एमएलए अदालत ने राहुल गांधी को ₹25,000 के जमानती बॉन्ड पर जमानत दी।
क्या है मामला?
- राहुल गांधी पर आरोप है कि उन्होंने मार्च 2023 में लंदन में दिए गए भाषण के दौरान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के बारे में आपत्तिजनक बयान दिए।
- यह मामला सावरकर के पोते द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर आधारित है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने सावरकर की छवि को जानबूझकर नुकसान पहुंचाने की कोशिश की।
कोर्ट का फैसला
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी: राहुल गांधी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश किया गया।
- जमानत मंजूर: अदालत ने ₹25,000 के जमानती बॉन्ड पर जमानत दी।
- स्थायी छूट: राहुल गांधी के वकील मिलिंद पवार ने बताया कि अदालत ने कांग्रेस नेता को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने से स्थायी छूट प्रदान की है।
- अगली सुनवाई की तारीख: मामले की सुनवाई अब 18 फरवरी 2025 को होगी।
इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोहन जोशी ने अदालत में जमानतदार के रूप में पेश होकर राहुल गांधी की जमानत प्रक्रिया को पूरा किया।
लखनऊ कोर्ट में भी तलब
राहुल गांधी के खिलाफ एक अन्य मामला लखनऊ की अदालत में भी चल रहा है।
- क्या है आरोप?
दिसंबर 2022 में महाराष्ट्र के अकोला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने सावरकर के खिलाफ बयान दिया था, जिसे भड़काऊ और अपमानजनक बताया गया।
- कानूनी धाराएं: लखनऊ की एसीजेएम (अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) कोर्ट ने उन्हें आईपीसी की धारा 153(A) (धर्म, जाति, जन्मस्थान के आधार पर वैमनस्य फैलाना) और धारा 505 (सार्वजनिक शांति भंग करने वाले बयान) के तहत तलब किया है।
- यह शिकायत वकील नृपेंद्र पांडे द्वारा दर्ज की गई थी।
सावरकर विवाद पर राहुल गांधी का पक्ष
राहुल गांधी ने अपने लंदन के भाषण में स्वतंत्रता सेनानी द्वारा लिखी गई एक किताब का हवाला देते हुए कुछ टिप्पणियां की थीं। इन बयानों को वीर सावरकर की छवि को खराब करने का प्रयास बताया गया।
राजनीतिक और कानूनी असर
- राहुल गांधी के इस मामले ने राजनीतिक हलकों में बहस छेड़ दी है।
- यह मुद्दा कांग्रेस और भाजपा के बीच सावरकर की विरासत को लेकर विचारधारात्मक टकराव को और बढ़ा सकता है।
- कानूनी मोर्चे पर, राहुल गांधी को आने वाले महीनों में कई सुनवाइयों का सामना करना पड़ सकता है।