सियोल, 18 जनवरी (हि.स.)। दक्षिण कोरिया में पिछले महीने मार्शल लॉ की अल्पकालिक घोषणा कर कानूनी एवं राजनीतिक संकट में फंसे राष्ट्रपति यून सुक येओल ने शनिवार को सियोल न्यायाधीश के समक्ष अपनी रिहाई के लिए दलील दी। ऐसा इसलिए क्योंकि अदालत ने समीक्षा की कि क्या उनकी औपचारिक गिरफ्तारी के लिए कानून प्रवर्तन अनुरोध को मंजूरी दी जानी चाहिए।
यून के वकीलों ने कहा कि लगभग पांच घंटे की बंद कमरे में सुनवाई के दौरान उन्होंने न्यायाधीश से लगभग 40 मिनट तक बात की। उनकी कानूनी टीम और भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसियों ने इस बारे में विरोधी तर्क प्रस्तुत किए कि क्या उन्हें हिरासत में रखा जाना चाहिए। वकीलों ने उनकी विशिष्ट टिप्पणियां साझा नहीं कीं।
इससे पहले, उच्च-रैंकिंग अधिकारियों के लिए गठित देश के भ्रष्टाचार जांच कार्यालय (सीआईओ) ने सियोल पश्चिमी जिला न्यायालय से येओल के खिलाफ औपचारिक गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आग्रह किया है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति यून, जो बुधवार को अपने आवास पर बड़े पैमाने पर कानून प्रवर्तन अभियान में पकड़े जाने के बाद से हिरासत में हैं, 03 दिसंबर को मार्शल लॉ की घोषणा से जुड़े संभावित विद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे हैं। उनके इस कदम ने 1980 के दशक में देश में लोकतंत्रीकरण के बाद दक्षिण कोरिया में सबसे गंभीर राजनीतिक संकट पैदा कर दिया है।
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हिन्दुस्थान समाचार