नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने केरल की वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) सरकार को झटका देते हुए अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोविड-19 महामारी के दौरान व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) किट की खरीद में अनियमितताएं पाई गई हैं। कैग ने पाया कि राज्य द्वारा संचालित केरल मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (केएमएससीएल) द्वारा मानदंडों का उल्लंघन करते हुए अग्रिम धनराशि के रूप में पीपीई किट के खरीद मूल्य का शर्त प्रतिशत भुगतान करके महाराष्ट्र स्थित सैन फार्मा को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
ALSO READ:
राज्य विधानसभा में मंगलवार को पेश की गई कैग रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए सदन के नेता प्रतिपक्ष वीडी सतीशन ने कहा कि ऑडिट रिपोर्ट महामारी के दौरान किट की खरीद में भ्रष्टाचार के विपक्ष के आरोपों की पुष्टि करती है। सतीशन ने आरोप लगाया कि अनियमितताएं और अनुचित लाभ मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और तत्कालीन राज्य स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा के संज्ञान में हुए।
ALSO READ:
विपक्ष ने एक बयान में यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने अपनी जेब भरने के लिए कोविड-19 महामारी को ‘सुनहरे अवसर’ के रूप में इस्तेमाल किया। विपक्ष ने कहा, ‘‘एक तरफ मरने वालों की संख्या छिपाई गई। दूसरी तरफ करोड़ों का भ्रष्टाचार किया गया। फिर पीआर एजेंसियों के प्रचार के जरिए झूठी छवि बनाई गई। कैग रिपोर्ट पीआर छवि को नष्ट कर देगी।’’
इस बीच, शैलजा ने कहा कि वह कैग रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया नहीं दे सकती क्योंकि अबतक उन्होंने इसका अवलोकन नहीं किया है। उन्होंने विपक्ष के आरोपों पर कहा कि विरोधी गठबंधन संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) यूडीएफ ने इस मुद्दे को विधानसभा में कई बार उठाया और हर बार उन्हें स्पष्ट जवाब दिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए इसे बार-बार उठाने की जरूरत नहीं है।’ Edited by : Sudhir Sharma