राष्ट्रपति नें बजट सत्र को किया संबोधित, छोटे उद्यमियों, किसानों, मिडिल क्लास और महिलाओं पर कही ये बातें
et January 31, 2025 08:42 PM
नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए देश के आर्थिक विकास, व्यापारिक सुधारों और सरकार द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों पर विस्तार से चर्चा की. अपने संबोधन में उन्होंने सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित किया, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं. राष्ट्रपति मुर्मू ने विशेष रूप से छोटे उद्यमियों, किसानों, मध्यम वर्ग, और डिजिटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में किए गए सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया. नारी सशक्तिकरणराष्ट्रपति मुर्मू ने नारी सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम के तहत महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में आरक्षण देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 91 लाख से अधिक महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मदद की जा रही है. आत्मनिर्भर भारत और वैश्विक व्यापार में स्थानराष्ट्रपति मुर्मू ने आत्मनिर्भरता के संदर्भ में सरकार के 'मेक इन इंडिया' से 'मेक फॉर द वर्ल्ड' की ओर बढ़ने की दिशा की सराहना की. इस दौरान उन्होंने भारत के रक्षा क्षेत्र की आत्मनिर्भरता को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि भारत अब हथियारों और युद्धपोतों के निर्माण में पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो चुका है. भारतीय नौसेना में देश में निर्मित दो युद्धपोत और एक पनडुब्बी शामिल की गई हैं, जिससे रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं और भारत की वैश्विक सुरक्षा में भी मजबूती आई है.इसके साथ ही, राष्ट्रपति ने कहा कि भारत अब वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए कई बड़े कदम उठा रहा है. भारत की स्टार्टअप्स और डिजिटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी वैश्विक प्रतिस्पर्धा में वृद्धि हो रही है. 1 लाख 50 हजार से अधिक स्टार्टअप्स के साथ भारत अब डिजिटल नवाचार में एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है. किसानों के लिए कृषि सुधारराष्ट्रपति मुर्मू ने किसानों के लिए किए गए कई महत्वपूर्ण सुधारों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार ने कृषि क्षेत्र में कई बड़े कदम उठाए हैं. 2023-24 में रिकॉर्ड 332 मिलियन टन अनाज उत्पादन हुआ, और भारत अब दुनिया में सबसे बड़ा दूध, दाल, और मसालों का उत्पादक बन चुका है. इसके साथ ही, कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए सरकार ने 2 हजार करोड़ रुपये की लागत से मिशन मौसम की शुरुआत की है. सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए सिंचाई और पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए केन-बेतवा लिंक परियोजना और पार्वती, कालीसिंध और चंबल लिंक योजनाओं पर कार्य हो रहा है, जिससे लाखों किसानों को लाभ होगा.राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड का विस्तार किया गया है, जिससे किसानों को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं. इसके साथ ही, सरकार ने डीएपी की कीमतों में राहत दी है और तिलहन उत्पादन बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय तिलहन मिशन की शुरुआत की है. मध्यम वर्ग और छोटे उद्यमियों के लिए सुधारराष्ट्रपति ने विशेष रूप से छोटे व्यापारियों और उद्यमियों के लिए किए गए सुधारों पर जोर दिया. मुद्रा योजना के तहत छोटे उद्यमियों को अब 20 लाख रुपये तक का ऋण मिल सकेगा, जो पहले 10 लाख रुपये था. इसके अलावा, सरकार ने छोटे व्यवसायियों के लिए कई नई योजनाएं शुरू की हैं, जिससे उन्हें और अधिक वित्तीय सहायता मिल सकेगी.मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए, राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने रेरा कानून के तहत घर खरीदने वाले लोगों को सशक्त किया है और घरों के लिए सब्सिडी देने की व्यवस्था की है. इसके साथ ही, सरकारी कर्मचारियों के लिए आठवें वेतन आयोग का गठन किया गया है, जिससे वेतन में बढ़ोतरी होगी और कर्मचारियों को बेहतर कल्याण सुविधाएं मिलेंगी. डिजिटल टेक्नोलॉजी और नवाचारराष्ट्रपति मुर्मू ने डिजिटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत की वैश्विक भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि सरकार ने इसे सामाजिक न्याय और समानता के एक उपकरण के रूप में उपयोग किया है. आज भारत डिजिटल पेमेंट और सेवाओं में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बन चुका है. इसके साथ ही, भारत ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डिजिटल टेक्नोलॉजी में अपनी स्थिति को मजबूत किया है, जिससे भारत को यूएस वर्ल्ड फ्यूचर स्किल इंडेक्स 2025 में दूसरे स्थान पर रखा गया है. स्वामित्व योजना और वित्तीय समावेशनस्वामित्व योजना के तहत अब तक 2 करोड़ 25 लाख स्वामित्व कार्ड जारी किए गए हैं. इससे ग्रामीण और गरीब वर्ग को संपत्ति के अधिकार मिल रहे हैं, जिससे उनका वित्तीय समावेशन हो रहा है. इसके अलावा, राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने 75 साल से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को आयकर रिटर्न दाखिल करने का अधिकार दिया है, जिससे उनकी वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित हो रही है. रक्षा क्षेत्र और सीमावर्ती क्षेत्रों का विकासरक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के अलावा, सीमा क्षेत्रों का भी समुचित विकास किया जा रहा है. सीमा सड़कें और सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है, और सीमावर्ती गांवों में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम चल रहा है. वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों की संख्या में कमी आई है, जो दर्शाता है कि सरकार ने सुरक्षा और विकास के क्षेत्रों में ठोस कदम उठाए हैं.
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