बजट से 1 दिन पहले PM Modi के भाषण में मीडिल क्लास के जिक्र के कई मायने, क्या Income Tax में राहत के हैं संकेत?
नई दिल्ली: आज से बजट सत्र 2025 शुरू हो गया है. वहीं, कल यानी 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 6 महीने में दूसरी बार बजट पेश करेंगी, इससे पहले उन्होंने जुलाई 2024 में अपना सातंवा केंद्रीय बजट पेश किया था.केंद्रीय बजट 2025 ऐसे समय में आया है जब जीडीपी ग्रोथ रेट दो साल के निचले स्तर 5.4% पर आ गई है और अर्थव्यवस्था में खपत को बढ़ावा देने के लिए इनकम टैक्स रेट्स में कटौती की मांग की जा रही है. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मीडिया कर्मियों को संबोधित किए, जिसके बाद से मीडिल क्लास को बजट से उम्मीदें और बढ़ गई हैं. गरीबों और मीडिल क्लास का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, " मैं प्रार्थना करता हूं कि मां लक्ष्मी हमारे देश के गरीबों और मध्यम वर्ग पर अपनी कृपा बनाए रखें. यह बहुत गर्व की बात है कि भारत ने एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में 75 साल पूरे किए. भारत ने खुद को ग्लोबल लेवल पर अच्छी तरह से स्थापित किया है.'' .यह मेरे तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट है. मैं विश्वास से कह सकता हूं कि 2047 में, जब भारत की आजादी के 100 साल पूरे होंगे, भारत डेवलअप कंट्री के अपने टार्गेट को पूरा करेगा और यह बजट देश को नई ऊर्जा और आशा देगा..." आर्थिक गतिविधियों के रोडमैप के ये आधार प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में आगे कहा, "आर्थिक गतिविधियों के लिए हमारे रोडमैप का आधार इनोवेशन, इंक्लूजन और इनवेस्टमेंट है...मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि यह बजट सत्र 'विकसित भारत' के हमारे लक्ष्य को प्राप्त करने में नया आत्मविश्वास, ऊर्जा भरेगा." पीएम के भाषण के बाद बढ़ी उम्मीदें बता दें कि बजट 2025 पेश होने से ठीक एक दिन पहले पीएम मोदी के भाषण में मीडिल क्लास के जिक्र को लेकर कई मायने निकाले जा रहे हैं और इनकम टैक्स में राहत मिलने की उम्मीदें बढ़ गई हैं. दरअसल, हर साल बजट से पहले सैलरीड टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स रेट्स में कटौती, संशोधन और टैक्स के बोझ को कम करने के अन्य उपायों के लिए सरकार से बहुत सारी उम्मीदें करते हैं. टैक्स एक्सपर्ट्स और इकोनॉमिस्ट भी नई टैक्स रिजीम के तहत इनकम टैक्स स्लैब को और अधिक युक्तिसंगत बनाने और मीडिल क्लास के हाथों में अधिक डिस्पोजेबल इनकम देने के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं.