रात में देर से सोने वाले हो जाएं सावधान! हो सकती हैं ये गंभीर समस्याएं, जानिए किस उम्र में कितनी नींद है जरूरी
GH News February 04, 2025 10:07 AM

डॉक्टर के अनुसार, रात में देर से सोने से हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट की समस्याएं बढ़ जाती हैं. इसके अलावा, इम्युनिटी की समस्या भी बढ़ जाती है.

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और काम के दबाव में लोगों को रात में देर से सोने की आदत हो गई है. देर रात तक काम करने वाले नौकरी पेशा लोग तो इसे सामान्य प्रक्रिया मानते हैं. हालांकि ये लोगों की सोच से ज्यादा गंभीर समस्या है. अगर आप भी देर रात तक सोते हैं तो जान लीजिए कि इसके कारण कौन सी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.

सीके बिरला अस्पताल के डॉ. तुषार तायल ने आईएएनएस को बताया कि रात में देर से सोने से किसी व्यक्ति को किस तरह की स्वास्थ्य और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. उनके अनुसार रात को देर से सोने से किसी भी व्यक्ति को बहुत तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट की समस्याएं बढ़ जाती हैं

रात में देर से सोने से हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट की समस्याएं बढ़ जाती हैं. इसके अलावा, इम्युनिटी की समस्या भी बढ़ जाती है. इससे आपको कई तरह के इन्फेक्शन भी हो सकते हैं. इसके साथ ही रात में देर से सोने में हार्मोन भी असंतुलित हो जाता है और डायबि‍टीज और पाचन से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं. अगर मानसिक समस्याओं की बात करें, तो इससे आपकी स्मरण शक्ति कम हो सकती है. इसके अलावा आपकी एकाग्रता भी भंग हो सकती है.

डिप्रेशन और एंग्जायटी की भी समस्या

डॉ. तुषार तायल के अनुसार रात में देर से सोने से डिप्रेशन और एंग्जायटी की भी समस्या देखने को मिलती है. इसके अलावा, चिड़चिड़ापन और गुस्सा भी ज्यादा आने लगता है. वहीं, आंखों के नीचे डार्क सर्कल और झुर्रियां भी देखने को मिलती हैं.

किस उम्र में कितनी नींद जरूरी

डॉक्टर के अनुसार, अगर न्यू बोर्न बेबी की बात करें, तो उसे 14 से 16 घंटे तक की नींद लेनी चाहिए. वहीं, स्कूल जाने वाले बच्चों को 9 से 13 घंटे नींद लेनी चाहिए. जब आप किशोरावस्था में प्रवेश करते हैं, तो आपको 9 से 10 घंटे की नींद लेनी चाहिए. उधर, युवाओं को दिन मे 7 से लेकर 9 घंटे तक नींद लेनी चाहिए. इसी प्रकार बुजुर्गों को भी 7 से 9 घंटे नींद लेनी चाहिए.

डॉक्टर के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को रात से 10 बजे तक सो जाना चाहिए, क्योंकि हमारी स्लीप साइकिल सूर्य उदय और सूर्य अस्त पर निर्भर करता है. जैसे ही सूर्य अस्त होता है, तो हमारी बॉडी में मेलिटेनियम हार्मोन रिलीज होना शुरू हो जाता है, जो नींद लाने में हमारी मदद करता है और सुबह होते ही इसका प्रभाव खत्म हो जाता है. सबसे ज्यादा मेलिटोनियम हमारी बॉडी में रात चार बजे रिलीज होता है. यह हमारा आइडल स्लिपिंग समय होता है, क्योंकि इस समय अच्छी नींद आती है.

डॉ. बताते हैं कि उम्र का सोने से कोई लेना देना नहीं है, लेकिन इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि जब उम्र बढ़ती है, तो नींद आने में समस्या होती है.

(इनपुट- आईएएनएस)

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