उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क नए नोएडा के विकास को लेकर प्राधिकरण ने तैयारी तेज कर दी है. दावा है कि शीघ्र ही जमीन अधिग्रहण के लिए मुआवजे की दर तय की जाएगी. माह में नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा. इसके बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी. सबसे पहले जोखाबाद और सांवली में जमीन अधिग्रहण शुरू होगा.
इस बैठक में पहली बार बुलंदशहर विकास प्राधिकरण और बुलंदशहर जिला प्रशासन के अधिकारी भी शामिल होंगे. वहां से जमीनों की दरें भी प्राधिकरण के अधिकारियों ने मंगवा ली है. माना जा रहा है कि बोर्ड बैठक में ही फैसला लिया जाएगा कि नए नोएडा के अधिग्रहण के लिए किस दर पर जमीनों का अधिग्रहण किया जाएगा. नोएडा प्राधिकरण ने ग्रेनो और बुलंदशहर विकास प्राधिकरण के अलावा बुलंदशहर और गौतमबुद्धनगर जिलों के प्रशासन से जमीन की दरें मंगाई हैं.
मुआवजे को लेकर क्या दरें रखी जाएं, इसके लिए प्राधिकरण की समिति अध्ययन कर प्रस्ताव तैयार कर रही है. यह प्रस्ताव बोर्ड में रखा जाएगा. अधिकारियों का कहना है कि बोर्ड से जो दरें तय होंगी, उसी पर किसानों से जमीन ली जाएगी. जमीन अधिग्रहण की शुरुआत सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र के पास जोखाबाद और सांवली गांव के सामने से करने की तैयारी है.
कार्यालय के लिए जमीन नहीं मिली नया नोएडा शासन की प्राथमिकता मे है और इसे शीघ्र विकसित किया जाना है. तीन साल में 3165 हेक्टेयर जमीन पर विकास कार्य होने हैं, लेकिन अभी तक कार्यालय के लिए भी जमीन नहीं मिल सकी है.
नोएडा प्राधिकरण का प्रयास है कि किसानों से आपसी सहमति से जमीन ली जाए. इसके लिए अक्तूबर महीने से नोएडा प्राधिकरण के भूलेख विभाग ने नए नोएडा के गांवों में जाकर जमीन देखनी शुरू कर दी थी. 18 नवंबर को नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ लोकेश एम सहित अन्य अधिकारी नए नोएडा के गांवों में जमीन की स्थिति देखने गए थे. तय हुआ कि इस शहर को बसाने के लिए सबसे पहले अपना दफ्तर बनाया जाए. प्राधिकरण के सीईओ डॉ लोकेश एम ने निर्देश दिया कि जोखाबाद या सांवली गांव के पास प्राधिकरण के अस्थाई दफ्तर के लिए जमीन ली जाए. इसकी वजह यह है कि इन गांव के पास से ही ईस्टर्न पेरिफेरल और जीटी रोड अलग होती है. ऐसे में अधिकारियों के आने-जाने और आम लोगों के हिसाब से भी यह क्षेत्र ठीक रहेगा. दफ्तर के लिए करीब दो हजार वर्ग मीटर जमीन चाहिए , लेकिन अब तक कार्यालय के लिए भी जमीन नहीं ली जा सकी है.
नोएडा की तर्ज पर मुआवजा देने की मांग मुआवजा राशि तय करना भी प्राधिकरण के अधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती है. सिकंदराबाद के इलाके के इन गांवों में 800 से लेकर 1700 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक मुआवजा राशि है, जबकि नोएडा में यह राशि 5400 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक है.
यहां के किसान नोएडा के बराबर मुआवजा राशि दिए जाने की मांग कर रहे हैं, जिसके लिए प्राधिकरण तैयार नहीं है. प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि नोएडा शहर विकसित हो चुका है. इस वजह से यहां अधिक मुआवजा राशि है. यहां के बराबर मुआवजा राशि दिया जाना संभव नही हैं. ऐसे में किसानों से मुआवजा राशि को लेकर सहमति बनाना भी एक बड़ी चुनौती साबित होगा.
नोएडा न्यूज़ डेस्क