किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने के लिए हिमाचल सरकार ने शुरू किया रजिस्ट्रेशन, किसानों का होगा ज्यादा मुनाफा
et February 05, 2025 05:42 PM
किसानों को आर्थिक रूप से सहायता करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के द्वारा कई प्रयास किये जाते हैं. ऐसे ही अब हिमाचल प्रदेश की सरकार ने किसानों के लिए बड़ी पहल की शुरुआत की है. जिसमें किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. किसानों को क्या करना होगा?किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने के लिए एक रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होगा. राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किसानों के लिए नामांकन की प्रक्रिया को आसान करते हुए यह फॉर्म निकाला है. जिसे किसान चाहे तो ऑनलाइन भर सकते हैं या फिर ऑफलाइन. जरूरी है ये जानकारियांकिसानों को प्राकृतिक खेती के लिए फॉर्म भरने के लिए जमीन, फसल, पशुओं और प्रशिक्षण सम्बन्धी जानकारियां दर्ज करनी होगी. इसके बाद फॉर्म को पंचायत में जाकर भरा जा सकता है. यह पहल राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है. किसानों को होगा फायदाकिसानों की इससे आय बढ़ेगी. उन्हें उनकी फसलों का अधिक दाम मिलेगा. राज्य सरकार ने यह साफ़ किया है कि वे प्राक्रतिक तरीकों से उगाई जाने वाली फसलों को ज्यादा मूल्य में खरीद रहे हैं. उन्होंने हाल ही में लगभग 1508 किसानों को प्राकृतिक रूप से उगाए गए 398.976 मीट्रिक टन मक्के के लिए 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से पेमेंट किया. ताकि किसानों को ज्यादा लाभ दिया जाए. धीरे-धीरे फसलों का कवर बढ़ाया भी जा सकता है.आने वाले समय में गेहूं की खरीद के लिए भी ऐसी ही प्रक्रिया अपनाई जाएगी. जिसमें प्राकृतिक रूप से उगाए गए गेहूं के लिए 40 रुपये प्रति किलोग्राम का भुगतान किया जा सकता है. सरकार के द्वारा किसानों से प्राकृतिक रूप से उत्पादित मक्के की खरीद करके 'हिम भोग' ब्रांड से एक किलो और पांच किलो के पैकेट में मक्के का आटा बेचा जा रहा है.
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