Finance Ministry on use of AI : कृत्रिम मेधा (AI) के इस्तेमाल को लेकर तेज होती चर्चाओं के बीच वित्त मंत्रालय ने अपने अधिकारियों को कार्यालय के कंप्यूटर एवं अन्य उपकरणों में चैटजीपीटी (Chat GPT) और डीपसीक (Deep Seek) जैसे एआई टूल एवं ऐप को डाउनलोड न करने का निर्देश दिया है। यह कदम सरकारी डेटा और दस्तावेजों की गोपनीयता से जुड़े जोखिम को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
मंत्रालय ने पिछले महीने अपने सभी विभागों को भेजे एक संदेश में कहा है कि कार्यालय के कंप्यूटर एवं फोन उपकरणों में एआई टूल और एआई ऐप के इस्तेमाल से सख्ती से परहेज किया जाना चाहिए। मंत्रालय की तरफ से ये एडवाइजरी ऐसे समय में आई है, जब सैम ऑल्टमैन भारत यात्रा पर हैं।
एआई टू्ल्स क्यों है खतरा : वित्त मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों से कहा कि कार्यालय के कंप्यूटर और उपकरणों में एआई टूल और चैटजीपीटी एवं डीपसीक जैसे एआई ऐप का इस्तेमाल सरकार, डेटा और दस्तावेजों की गोपनीयता के लिए जोखिम पैदा करते हैं। भारत में जिन AI ऐप्स को लोग यूज कर रहे हैं, उनमें से ज्यादातर के सर्वर भारत में नहीं हैं, बल्कि विदेश में हैं। इसलिए इससे देश की संप्रभुता को खतरा हो सकता है।
AI टूल्स या ऐप्स, यूजर से कई तरह की परमिशन मांगते हैं। ऐसे में अगर सरकारी दफ्तरों के कंप्यूटरों या लैपटॉप में अगर इनका उपयोग किया गया तो ये संवेदनशील डॉक्यूमेंट्स और फाइल्स कंपनियों तक पहुंच सकती हैं। सरकारी दफ्तर से इन AI टूल्स के जरिये डेटा लीक होने का खतरा है।
ऑस्ट्रेलिया और इटली भी डीपसीक से डरे : भारत सरकार ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब ऑस्ट्रेलिया और इटली जैसे देशों ने गोपनीयता और डेटा सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए अपने आधिकारिक सिस्टम को चीनी एआई कंपनी डीपसीक से संरक्षित करने की घोषणा की है।
डीपसीक ने पिछल हफ्ते अपने किफायती एआई टूल आर1 को पेश कर समूची दुनिया को अचरज में डाल दिया था। इससे चैटजीपीटी बनाने वाली कंपनी ओपनएआई और एआई चिप बनाने वाली एनवीडिया को तगड़ा झटका लगा है।