भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) कल सुबह 10 बजे अपनी मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान करेगा। यह घोषणा नए RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा की पहली क्रेडिट पॉलिसी होगी। बाजार में उम्मीद है कि पांच साल बाद पहली बार ब्याज दरों में कटौती हो सकती है।
इस फैसले का असर न केवल कर्ज लेने वालों पर पड़ेगा, बल्कि कई सेक्टर्स और शेयरों की चाल भी इसी पर निर्भर करेगी। प्रमुख ब्रोकरेज फर्म्स ने ब्याज दरों में संभावित बदलाव को लेकर अपनी रिपोर्ट जारी की है। आइए जानते हैं कि इससे कौन-से सेक्टर्स और कंपनियों को फायदा होगा और किन पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
ब्याज दरों में कटौती की संभावनाआवाज़ MPC (मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी) में शामिल इकोनॉमिस्ट, बैंकर्स और इंडस्ट्री लीडर्स का मानना है कि RBI इस बार ब्याज दरों में 0.25% की कटौती कर सकता है।
इसके पीछे मुख्य कारण हैं:
HSBC और मॉर्गन स्टैनली दोनों का मानना है कि NBFC सेक्टर को सबसे ज्यादा लाभ होगा। खासकर वे कंपनियां जो वाहन फाइनेंस, गोल्ड लोन और क्रेडिट कार्ड बिजनेस में शामिल हैं।
HSBC का मानना है कि ब्याज दरों में कटौती से स्मॉल फाइनेंस बैंकों को भी फायदा होगा।
मॉर्गन स्टैनली की रिपोर्ट के अनुसार, ब्याज दरों में कटौती से हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFCs) पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
HSBC का मानना है कि सरकारी बैंकों को ब्याज दरों में कटौती से बहुत ज्यादा लाभ नहीं होगा, क्योंकि उनकी बैलेंस शीट पहले से मजबूत है और उन्हें लोन से बड़ा रेवेन्यू नहीं मिलता।
बाजार पर असर – स्टॉक्स में उतार-चढ़ाव संभवबाजार में मौजूदा ब्याज दरों और संभावित कटौती की उम्मीदें पहले से ही जुड़ी हुई हैं। अगर RBI ने दरों में कटौती नहीं की, तो यह बाजार के लिए नकारात्मक संकेत हो सकता है।
निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण बातें:NBFCs और ऑटो फाइनेंस कंपनियों में निवेश बढ़ सकता है।
हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों में गिरावट आ सकती है।
सरकारी बैंकों पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।