डूंगरपुर न्यूज़ डेस्क - राजस्थान के डूंगरपुर जिले में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत हजारों लोगों की पेंशन खतरे में पड़ सकती है। डूंगरपुर जिले में 2 लाख 7 हजार 107 पेंशनर्स में से अब तक 1 लाख 74 हजार 129 पेंशनर्स ने अपना वार्षिक सत्यापन करवाया है जबकि 32 हजार 978 पेंशनर्स ने अपना सत्यापन नहीं करवाया है। जबकि सरकार सत्यापन अवधि में दो बार बदलाव कर चुकी है। अब अगर 15 फरवरी तक वार्षिक सत्यापन नहीं हुआ तो इन सभी पेंशनर्स की पेंशन बंद हो सकती है।
सरकार की ओर से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत विभिन्न पेंशन दी जाती हैं, लेकिन पेंशन के लिए व्यक्ति को हर साल अपना वार्षिक सत्यापन करवाना होता है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग डूंगरपुर के कार्यवाहक उपनिदेशक अशोक शर्मा ने बताया कि डूंगरपुर जिले में 2 लाख 7 हजार 107 पेंशनर्स हैं। इसमें से 1 लाख 74 हजार 129 पेंशनर्स ने अपना वार्षिक सत्यापन करवा लिया है, लेकिन 32 हजार 978 पेंशनर्स ऐसे हैं, जिन्होंने अभी तक अपना वार्षिक सत्यापन नहीं करवाया है।
सरकार ने दो बार सत्यापन की तिथि बदली
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग डूंगरपुर के कार्यवाहक उपनिदेशक अशोक शर्मा ने बताया कि पहले सत्यापन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 थी। वहीं, इसके बाद सरकार ने इस अवधि को एक माह और बढ़ाकर 31 जनवरी 2025 कर दिया। वहीं, इस दौरान भी हजारों पेंशनर्स ने अपना वार्षिक सत्यापन नहीं करवाया। इसके बाद सरकार ने एक बार फिर अवधि बढ़ा दी और अंतिम तिथि 15 फरवरी कर दी। इधर, अब सत्यापन से वंचित पेंशनर्स अगर 15 फरवरी तक अपना सत्यापन नहीं करवाते हैं, तो उन्हें अपनी पेंशन से वंचित रहना पड़ेगा।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और डूंगरपुर जिले का जिला प्रशासन शेष बचे पेंशनर्स का सत्यापन करवाने के लिए प्रयासरत है, लेकिन अगर पेंशनर्स निर्धारित तिथि 15 फरवरी तक अपना सत्यापन नहीं करवाते हैं तो उनकी सामाजिक सुरक्षा पेंशन खतरे में पड़ सकती है। खैर, अब देखना यह है कि शेष बचे दिनों में कितने पेंशनर्स अपना सत्यापन करवाते हैं और सामाजिक पेंशन योजना का लाभ उठा पाते हैं।