शेयर बाज़ार में 10 लाख करोड़ रु का नुकसान, इन चार प्रमुख कारण से मार्केट में हुई अचानक गिरावट
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शेयर मार्केट में मंगलवार को बड़ी गिरावट देखी और निवेशकों ने घबराहट के कारण पैनिक सेलिंग की. निफ्टी ने आज कारोबार की शुरुआत में एक के बाद एक सपोर्ट लेवल तोड़ दिये और दोपहर दो बजे के बाद वह 23000 के लेवल से नीचे आकर ट्रेड करने लगा. मार्केट में इस बड़ी बिकवाली से अफरा-तफरी मची हुई है और निफ्टी में डे हाई लेवल से लगभग 400 अंकों की गिरावट हुई और सेंसेक्स 1100 अंकों से अधिक की बिकवाली हुई. सेंसेक्स में 1.45% की गिरावट के बाद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनियो के मार्केट कैप में 10 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और मार्केट कैप गिरकर 10 लाख करोड़ कम हो गया. मार्केट की इस गिरावट में बैंकिंग,ऑटो,मेटल और आईटी शेयरों में गिरावट के कारण भारतीय इक्विटी इंडेक्स में लगातार पांचवें सत्र में गिरावट दर्ज की गई.कमजोर घरेलू कमाई और अमेरिकी ट्रेड पॉलिसी को लेकर चिंताओं ने निवेशकों के सेंटीमेंट्स को कमजोर करना जारी रखा. सभी प्रमुख सेक्टरों में गिरावट आई,स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्स में क्रमशः 3.9% और 3.5% की गिरावट आई.बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 9.87 लाख करोड़ रुपये घटकर 407.95 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया.एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक में सबसे ज्यादा गिरावट आई,जिनमें 3% तक की गिरावट आई और सेंसेक्स की कुल गिरावट में इनका योगदान 270 अंक रहा. शेयर मार्केट गिरने के प्रमुख कारण स्टील और एल्युमीनियम पर अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरीअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को स्टील और एल्युमीनियम के आयात पर टैरिफ में 25% की बढ़ोतरी की. इस कदम का उद्देश्य स्ट्र्ग्लिंग इंडस्ट्रीज़ को सहायता प्रदान करना है, लेकिन इससे कई मोर्चों पर ट्रेड वॉर का जोखिम बढ़ गया है. व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि नए टैरिफ 4 मार्च से प्रभावी होंगे. कनाडा, ब्राजील, मैक्सिको, दक्षिण कोरिया और अन्य देशों से आयात पर यह दर 25% पर वापस आ जाएगी, जिन्हें पहले कार्व-आउट से लाभ मिला था. ट्रम्प ने प्रेस से कहा कि यह कदम धातुओं पर टैरिफ को सरल बनाएगा. ताकि हर कोई ठीक से समझ सके कि इसका क्या मतलब है. "यह बिना किसी अपवाद या छूट के 25% है. यह सभी देशों पर लागू है.जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ.वीके विजयकुमार ने कहा कि स्टील और एल्युमीनियम पर 25% टैरिफ लगाने के ट्रम्प के ताज़ा फैसले का सबसे अधिक असर मैक्सिको, ब्राजील, दक्षिण कोरिया और वियतनाम जैसे देशों पर पड़ेगा. मेटल की कीमतें लंबे समय तक नरम रहेंगी. फेड चेयरमैन पॉवेल के बयान से पहले घबराहटसीनेट बैंकिंग,आवास और शहरी मामलों की समिति के समक्ष फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयान से पहले निवेशक चिंतित हैं. टैरिफ और मुद्रास्फीति पर उनकी टिप्पणियों की भविष्य की मौद्रिक नीति के बारे में जानकारी के लिए बारीकी से जांच की जाएगी. एफआईआई की बिकवालीएफआईआई भारतीय बाज़ारों में लगातार बिकवाली कर रहे हैं. एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार,विदेशी संस्थागत निवेशकों ने इस वर्ष अब तक 9.94 अरब डॉलर मूल्य की भारतीय इक्विटी बेची है, जिससे बाजार में कमजोरी और बढ़ गई है. हाई बॉन्ड यील्ड और डॉलर इंडेक्सअमेरिका में 10 वर्षीय ट्रेजरी यील्ड 4.495% है, जबकि 2 वर्षीय यील्ड 4.281% है. डॉलर इंडेक्स 108.36 पर होने के साथ मजबूत डॉलर ने भारत जैसे उभरते बाजारों से पूंजी प्रवाह में वृद्धि की है. हाई बॉन्ड यील्ड अमेरिकी एसेट क्लास को अधिक आकर्षक बनाती है. मजबूत डॉलर विदेशी पूंजी लागत को बढ़ाता है,जिससे निवेशकों के सेंटीमेंट्स प्रभावित होते हैं.