नई दिल्ली, 11 फ़रवरी . केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एक महत्वपूर्ण बैठक ली. इस दौरान उन्होंने समीक्षा करते हुए देश के किसानों के हित में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं पोषण मिशन के दिशा-निर्देशों में बड़े बदलाव करने की स्वीकृति प्रदान की. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के घटकों में किसानों के हित में परिवर्तन किए गए हैं. मिशन के दिशा-निर्देशों में संशोधन करते हुए किसानों और बीज उत्पादकों के लिए सब्सिडी बढ़ाई गई है, वहीं कृषि मंत्री शिवराज ने स्पष्ट तौर पर अधिकारियों से कहा कि योजना का लाभ सिर्फ किसानों को मिलना सुनिश्चित किया जाना चाहिए. मिशन के तहत, पारंपरिक-देशी बीज किस्मों का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रावधान किया गया है, वहीं पंचायत स्तर पर बीज प्रसंस्करण व भंडारण इकाई स्थापित करने की भी मंत्री ने मंजूरी दी.
कृषि मंत्रालय में आयोजित समीक्षा बैठक में शिवराज सिंह ने आला अफसरों को निर्देश दिए कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होना चाहिए, ताकि किसानों का भला हो.
पूर्ववर्ती “बीज और रोपण सामग्री” मिशन सहित “राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और पोषण मिशन” (एनएफएसएनएम) अब कृषि संवर्धन योजना का एक घटक होगा. मिशन के उद्देश्य हैं- देश के चिह्नित जिलों में सतत् तरीके से क्षेत्र विस्तार और उत्पादकता वृद्धि के माध्यम से चावल, गेहूं, दलहन, मोटे अनाज (मक्का व जौ) व पोषक अनाज (श्री अन्न) का उत्पादन बढ़ाना, व्यक्तिगत खेत स्तर पर मिट्टी की उर्वरता व उत्पादकता बहाल करना, किसानों में विश्वास बहाल करने के लिए कृषि स्तरीय अर्थव्यवस्था (अर्थात कृषि लाभ) को बढ़ाना तथा कुशल बाजार संपर्कों के माध्यम से किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्ति के लिए खेत पर फसलोपरांत मूल्य संवर्धन को बढ़ाना और बीज प्रतिस्थापन दर (एसआरआर) और किस्म प्रतिस्थापन दर (वीआरआर) को बढ़ाना एवं देश के बीज क्षेत्र के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर ढांचे में सुधार करना.
मंत्री चौहान ने नई प्रजातियों के प्रदर्शन, प्रमाणित बीज उत्पादन एवं प्रमाणित बीज वितरण के घटकों में किसानों के लिए सब्सिडी बढ़ाने की मंजूरी दी है, साथ ही जलवायु अनुकूल, बायो-फोर्टिफाइड और उच्च उपज देने वाली किस्मों के उत्पादन को प्राथमिकता दी जाएगी. मिशन के सभी प्रावधानों पर डिजिटली मानीटरिंग की जाएगी. उन्होंने कहा कि स्कीम का फायदा किसानों को पूरी तरह से मिलना सुनिश्चित किया जाए व स्कीम के केंद्र में किसान ही हों.
संशोधित दिशा-निर्देशों में ग्राम पंचायत स्तर पर बीज प्रसंस्करण एवं भंडारण इकाई का प्रावधान भी किया गया है. इसके तहत एसएमएसपी के पूर्ववर्ती घटक अर्थात ग्राम पंचायत स्तर पर बीज प्रसंस्करण एवं भंडारण इकाई को पुनर्जीवित करने की स्वीकृति भी दी गई है, ताकि देशभर के किसानों के आसपास के क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर बीज प्रसंस्करण, सफाई, ग्रेडिंग, पैकेजिंग व भंडारण कार्य किया जा सके.
गैर पारंपरिक तरीके से आलू बीज उत्पादन के लिए नए घटक के निर्देशों को भी केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने मंजूरी प्रदान की है, वहीं बीज उत्पादन, विधायन, प्रमाणीकरण एवं टेस्टिंग से जुड़ी विभिन्न सरकारी एजेंसियों को दी जाने वाली सहायता में भी वृद्धि की गई है. बैठक में केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
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/ विजयालक्ष्मी