महाकुंभ मेले में स्नान पर्व के लिए आम दिनों की अपेक्षा कहीं अधिक संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने के कारण प्रयागराज की चारों दिशाओं से आने वाली सड़कों पर रविवार (9 फरवरी) को कई घंटों तक जाम की स्थिति रही। प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन के बाहर अत्यधिक भीड़ के कारण स्टेशन को बंद कर दिया गया। मेला प्रशासन की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार रविवार रात आठ बजे तक 1.57 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। 13 जनवरी से 9 फरवरी तक महाकुंभ में 43.57 करोड़ से अधिक श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगा चुके हैं।
रायबरेली से आए श्रद्धालु रामकृपाल ने बताया कि लखनऊ-प्रयागराज राजमार्ग पर फाफामऊ पहुंचने से पहले वह पांच घंटे तक जाम में फंसे रहे। फिर किसी तरह बेला कछार में गाड़ी खड़ी कर वह वहां से पैदल ही संगम घाट के लिए निकल पड़े। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्रैफिक जाम की स्थिति को लेकर एक्स पर पोस्ट किया, "प्रयागराज महाकुंभ में फंसे करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए तत्काल आपातकालीन व्यवस्था की जानी चाहिए। जगह-जगह ट्रैफिक जाम में भूखे-प्यासे, परेशान और थके-हारे श्रद्धालुओं को मानवीय नजरिए से देखा जाना चाहिए। क्या आम श्रद्धालु इंसान नहीं हैं?"
उन्होंने लिखा, "प्रयागराज में प्रवेश के लिए लखनऊ की ओर 30 किलोमीटर पहले नवाबगंज में जाम, रीवा रोड की ओर 16 किलोमीटर पहले गौहनिया में जाम तथा वाराणसी की ओर 12 से 15 किलोमीटर तक जाम तथा भीड़ के ट्रेन के इंजन में घुस जाने की खबरें हर जगह प्रकाशित हो रही हैं। सामान्य जीवन दूभर हो गया है।" अखिलेश ने आगे कहा, "उत्तर प्रदेश सरकार विफल हो चुकी है। यह केवल अहंकार से भरे झूठे विज्ञापनों में दिखाई देती है, लेकिन वास्तव में जमीन पर गायब है।"
अधिकारियों ने क्या कहा?एडीसीपी (ट्रैफिक) कुलदीप सिंह ने पीटीआई से कहा, "वाहनों की संख्या बहुत ज़्यादा है और यात्री एक-दूसरे के करीब आने की कोशिश कर रहे हैं. इस वजह से लंबा जाम लग रहा है. हमें मौनी अमावस्या वाली व्यवस्था लागू करनी होगी." सिंह के मुताबिक मौनी अमावस्या पर जो भीड़ आई थी. लगभग वैसी ही भीड़ अब भी आ रही है। भीड़ बहुत बडी है. मौनी अमावस्या पर मेला क्षेत्र के पास की पार्किंग सबसे पहले भर गई, उसके बाद दूर की पार्किंग भी भर गई।
प्रयागराज महाकुंभ में फंसे करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए तत्काल आपातकालीन व्यवस्था की जाए। चारों तरफ से ट्रैफिक जाम में फंसे भूखे, प्यासे, परेशान और थके हुए तीर्थयात्रियों को मानवीय दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए। क्या साधारण भक्त मनुष्य नहीं हैं?
उन्होंने बताया कि दूर स्थित पार्किंग स्थल 50 प्रतिशत भरा हुआ है। पास का पार्किंग स्थल छोटा है, जबकि दूर का पार्किंग स्थल बड़ा है। उदाहरण के लिए, आईईआरटी और बघाड़ा पार्किंग (मेला क्षेत्र के पास) में चार से पांच हजार वाहन पार्क करने की क्षमता है। जबकि, नेहरू पार्क और बेला कछार जैसी दूरवर्ती पार्किंग में 20-25 हजार वाहन आ सकते हैं। अधिकारी ने बताया कि स्नान पर्व के दौरान स्थानीय लोगों के वाहन नहीं चलते हैं, लेकिन अभी सभी प्रकार के वाहन चल रहे हैं।
सिंह ने कहा कि पिछले (2019) कुंभ में इतनी भीड़ नहीं देखी गई थी, खासकर सामान्य दिनों में। लेकिन इस बार तो सामान्य दिनों की तुलना में भी काफी भीड़ आ रही है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों तक श्रद्धालुओं की भीड़ कम होने की कोई संभावना नहीं है।
प्रयागराज संगम स्टेशन बंद करना पड़ाइस बीच, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक (उत्तर रेलवे), लखनऊ कुलदीप तिवारी ने कहा, "चूंकि प्रयागराज संगम स्टेशन के बाहर भारी भीड़ के कारण यात्रियों को स्टेशन से बाहर निकलने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था, ऐसी स्थिति में प्रयागराज संगम स्टेशन को बंद करने का निर्णय लिया गया।" वहीं, महाकुंभ 2025 में आने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए उत्तर मध्य रेलवे ने प्रयागराज जंक्शन स्टेशन पर अगले आदेश तक सिंगल डायरेक्शन मूवमेंट की व्यवस्था लागू कर दी है।
उत्तर मध्य रेलवे के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी अमित मालवीय ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए केवल सिटी साइड (प्लेटफॉर्म नंबर-1 की ओर) से ही प्रवेश दिया जाएगा। जबकि निकासी केवल सिविल लाइंस की तरफ से होगी। उन्होंने बताया कि बिना आरक्षण वाले यात्रियों को दिशावार पैसेंजर सेटलमेंट के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा। मालवीय के अनुसार इसी तरह रिजर्वेशन वाले यात्रियों को गेट नंबर पांच से प्रवेश दिया जाएगा। उन्हें ट्रेन आने से आधे घंटे पहले प्लेटफॉर्म पर जाने की अनुमति दी जाएगी।