एचएएल तेजस: आईएएफ यानी भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह लड़ाकू विमान तेजस बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से नाखुश हैं। साथ ही उन्होंने विमान की डिलीवरी में देरी पर खुलकर नाराजगी जताते हुए कहा कि अब उन्हें कंपनी पर भरोसा नहीं रहा। हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि एचएएल (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) की देरी के लिए सेना प्रमुख द्वारा आलोचना की गई हो।
‘…मैंने विश्वास खो दिया है’
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सोमवार (10 फरवरी) को एक वीडियो में ए.पी. सिंह ने कहा, ‘आपको हमारी चिंताओं को दूर करना होगा और हमें विश्वास दिलाना होगा।’ मैं आपको (एचएएल को) बता सकता हूं कि हमारी जरूरतें और चिंताएं क्या हैं। “अभी तो मेरा एचएएल पर से भरोसा उठ गया है, जो बहुत बुरी बात है।” सेना प्रमुख का यह बयान सामने आते ही पूरा विवाद खड़ा हो गया है।
एचएएल का जवाब
सेना प्रमुख की नाराजगी के बाद एचएएल की प्रतिक्रिया सामने आई है। कंपनी ने इसके लिए 1998 में परमाणु परीक्षण के बाद लगाए गए प्रतिबंधों को जिम्मेदार ठहराया है। वायुसेना प्रमुख द्वारा उठाए गए मुद्दे के संबंध में एचएएल के सीएमडी डी. या सुनील ने कहा, ‘मैं आपको बताऊंगा।’ जैसा कि आप जानते हैं, हम (भारत) 1998 में परमाणु परीक्षणों के बाद लगाए गए प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में हमें चीजों को नए सिरे से तैयार करना होगा। इसमें बहुत प्रयास लगता है. आप देरी के लिए आलस्य को दोष नहीं दे सकते। हम वायु सेना प्रमुख की चिंताओं को समझते हैं। क्योंकि उनके स्क्वाड्रन की ताकत कम हो रही है। हम वादा करते हैं कि हम संरचना तैयार करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, हमने कई बैठकों में विभिन्न स्तरों पर यह बात कही है।’’
एचएएल ने मंगलवार को यह भी कहा था कि उसे मार्च के अंत तक 11 तेजस एमएफ1ए विमान उपलब्ध कराने का भरोसा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीएमडी ने कहा कि एचएएल अमेरिकी कंपनी जीई को 80 फीसदी तकनीक हस्तांतरण पर जोर दे रही है। यह जानकारी GE-414 इंजन के लिए दी जा रही है, जो तेजस के विभिन्न संस्करणों में प्रयुक्त होता है।