किडनी हमारे शरीर का एक अहम अंग है, जो न सिर्फ खून को फिल्टर करने में मदद करती है बल्कि शरीर को डिटॉक्स रखने, ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने और पूरे शरीर को हेल्दी बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर (High BP) और इसकी दवाइयां किडनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं?
डॉक्टर्स के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के लिए ली जाने वाली कुछ दवाइयां किडनी की फिल्ट्रेशन कैपेसिटी को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे किडनी कमजोर हो सकती है और क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) का खतरा बढ़ जाता है।
कैसे पहुंचाती हैं ये दवाइयां किडनी को नुकसान?
ब्लड फ्लो में रुकावट:
हाई ब्लड प्रेशर के कारण किडनी तक खून का प्रवाह सही तरीके से नहीं हो पाता।
इससे किडनी के टिशूज को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती और वे धीरे-धीरे कमजोर हो जाते हैं।
प्रोटीन लीकेज का खतरा:
हाई BP किडनी के फिल्टरिंग सिस्टम पर दबाव डालता है, जिससे पेशाब में प्रोटीन लीकेज शुरू हो जाता है।
यह स्थिति किडनी के खराब होने का संकेत हो सकती है।
किडनी की एफिशिएंसी में कमी:
समय के साथ, हाई ब्लड प्रेशर और दवाइयों के प्रभाव से किडनी की टॉक्सिन्स और फ्लुइड्स को बाहर निकालने की क्षमता घटने लगती है।
इससे धीरे-धीरे किडनी फेलियर का खतरा बढ़ जाता है, जिसके लिए डायलिसिस की जरूरत पड़ सकती है।
किडनी को सुरक्षित रखने के उपाय:
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखें:
हेल्दी डाइट अपनाएं जिसमें कम नमक और लो-सोडियम फूड्स हों।
रेगुलर एक्सरसाइज करें और स्ट्रेस मैनेजमेंट पर ध्यान दें।
डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब की गई दवाइयों का सही तरीके से सेवन करें।
पेन रिलीविंग मेडिकेशन्स का सावधानी से इस्तेमाल करें:
बिना डॉक्टर की सलाह के पेनकिलर या एनालजेसिक्स का सेवन न करें क्योंकि ये किडनी पर सीधा असर डाल सकते हैं।
खासकर NSAIDs (Non-Steroidal Anti-Inflammatory Drugs) के ज्यादा सेवन से बचें।
नियमित किडनी फंक्शन टेस्ट करवाएं:
हाई BP या डायबिटीज के मरीजों को हर 6-12 महीने में किडनी फंक्शन टेस्ट (KFT) करवाना चाहिए।
इसमें क्रिएटिनिन लेवल, यूरेनलिसिस और GFR (Glomerular Filtration Rate) की जांच की जाती है।
डॉक्टर से कब सलाह लें?
अगर पेशाब में झाग आ रहा हो या बार-बार पेशाब जाना पड़े।
टखनों, पैरों या चेहरे पर सूजन दिखे।
थकान, कमजोरी या सांस लेने में तकलीफ महसूस हो।
अंत में:
ब्लड प्रेशर की दवाइयां आपकी सेहत के लिए जरूरी हैं, लेकिन इनके साइड इफेक्ट्स को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। नियमित जांच, सही दवाइयों का सेवन और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर आप किडनी को स्वस्थ रख सकते हैं।
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