'जातीय नागरिक पार्टी' या राष्ट्रीय नागरिक पार्टी (एनसीपी) गठित करने का फैसला : भेदभाव के खिलाफ छात्र (एसएडी) ने ढाका के माणिक मिया एवेन्यू में एक रैली आयोजित की और 'जातीय नागरिक पार्टी' या राष्ट्रीय नागरिक पार्टी (एनसीपी) गठित करने का फैसला किया। इसके संयोजक जुलाई-अगस्त विद्रोह के प्रमुख नेताओं में से एक नाहिद इस्लाम हैं।ALSO READ:
घोषणापत्र भी जारी किया : छात्र नेताओं ने इस कार्यक्रम में एक घोषणापत्र भी जारी किया जिसमें कुछ राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों तथा वेटिकन और पाकिस्तान के राजनयिकों ने भी हिस्सा लिया। छात्र आंदोलन के कारण पिछले वर्ष 5 अगस्त को हसीना के 15 वर्षों से अधिक के शासन का अंत हुआ था। इस घटनाक्रम के 3 दिन बाद, मुहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यभार संभाला, जो प्रभावी रूप से प्रधानमंत्री हैं।
रैली कुरान, भगवद् गीता, बाइबिल और त्रिपिटक के पाठ के साथ शुरू हुई : एनसीपी की पहली रैली कुरान, भगवद् गीता, बाइबिल और त्रिपिटक के पाठ के साथ शुरू हुई जिसके बाद राष्ट्रगान हुआ। जुलाई विद्रोह के दौरान मारे गए लोगों की याद में 1 मिनट का मौन भी रखा गया। एनसीपी के संयोजक नाहिद इस्लाम ने कहा कि बांग्लादेश में भारत समर्थक और पाकिस्तान समर्थक राजनीति के लिए कोई जगह नहीं होगी। हम बांग्लादेश और बांग्लादेश के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए राज्य का निर्माण करेंगे।ALSO READ:
उन्होंने कहा कि हम भविष्य के बारे में बात करना चाहते हैं। हम अतीत से आगे बढ़कर बांग्लादेश की संभावनाओं पर चर्चा करना चाहते हैं। एसएडी समन्वयक नुसरत तबस्सुम ने इस्लाम का समर्थन करते हुए कहा कि पार्टी पूरी तरह बांग्लादेश-उन्मुख होगी और देश की प्रगति के लिए समर्पित होगी। एसएडी के सदस्य सचिव आरिफ सोहेल ने कहा कि लोग अब कुलीन समूहों या वंशवादी वफादारी को स्वीकार नहीं करेंगे। इसके बजाय भविष्य के नेता मजदूर वर्ग से उभरेंगे जो किसान, मजदूर और दिहाड़ी मजदूरों के बच्चे होंगे।
एनसीपी के अधिकतर शीर्ष नेताओं ने सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली में सुधार की खातिर 2018 के आंदोलन के दौरान और बाद में 2019 के ढाका विश्वविद्यालय केंद्रीय छात्र संघ (डीयूसीएसयू) चुनावों के दौरान बांग्लादेश छात्र अधिकार परिषद के बैनर तले अपना राजनीतिक सफर शुरू किया।ALSO READ:
नई पार्टी की शुरुआत यूनुस के समर्थन से की जा रही है जिन्होंने अगस्त 2024 में मुख्य सलाहकार का पद संभाला था। हालांकि समारोह में न तो यूनुस और न ही उनके सलाहकार परिषद का कोई प्रतिनिधि शामिल हुआ।
1,401 लोगों को 'जुलाई योद्धा' के रूप में मान्यता दी : बांग्लादेश सरकार ने पिछले साल के जन आंदोलन के दौरान घायल हुए 1,401 लोगों को 'जुलाई योद्धा' के रूप में मान्यता दी है जिसके कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार का पतन हो गया था।
भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन ने विद्रोह का नेतृत्व किया जिसके परिणामस्वरूप पिछले साल 5 अगस्त को हसीना के 15 साल से अधिक लंबे शासन का अंत हो गया। हसीना अपने पद से हटने के बाद भारत चली गईं। 'ढाका ट्रिब्यून' अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, मुक्ति संग्राम मामलों के मंत्रालय ने गुरुवार को 2 राजपत्र अधिसूचनाएं जारी कर आंदोलन के दौरान घायल हुए लोगों को आधिकारिक रूप से 'जुलाई योद्धा' के रूप में मान्यता दी।
रिपोर्ट के अनुसार, श्रेणी 'ए' में 493 लोग शामिल हैं जो आंदोलन के दौरान घायल हुए और उनकी हालत नाजुक थी, जबकि श्रेणी 'बी' में 908 लोग शामिल हैं जो गंभीर रूप से घायल हुए थे। सरकार ऐसे मृतकों और घायलों के परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करेगी जिनका नाम सूची में है। घायलों को उनकी श्रेणी के आधार पर मासिक भत्ता भी मिलेगा।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta