हाल ही में हुए एक रिसर्च में महिलाओं में बांझपन (इनफर्टिलिटी) की बढ़ती समस्या पर बेहद ही चौकाने वाले खुलासे हुए है। जैसा कि हम जानते हैं आधुनिक जीवनशैली, प्रदूषण, तनाव और खानपान की गलत आदतों के कारण महिलाओं में बांझपन की समस्या तेजी से बढ़ रही हैं।
बांझपन की बढ़ती समस्या: आंकड़े क्या कहते हैं?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 48 मिलियन जोड़े बांझपन की समस्या से जूझ रहे हैं। भारत में हालात और भी अधिक खराब है। जहां हर 6 में से 1 जोड़ा इनफर्टिलिटी का सामना कर रहा है। महिलाओं में बांझपन के मामले पुरुषों की तुलना में अधिक हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार इसके पीछे कई कारण हैं, इन्ही के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
शोध में सामने आए प्रमुख कारण
1. तनाव और मानसिक स्वास्थ्य का प्रभाव
आज के समय में तनाव एक बड़ी समस्या बन गया है। तनाव कई कारणों से हो सकता है जिनमे काम का दबाव, व्यक्तिगत जीवन की उलझनें और अन्य कारण शामिल हैं। शोध के अनुसार, तनाव के कारण शरीर में हार्मोनल असंतुलन होता है, जो ओव्यूलेशन प्रक्रिया को बाधित करता है।
2. खानपान की गलत आदतें
फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड आदि का अधिक सेवन भी प्रजनन पर प्रभाव डाल सकता है। शोध के अनुसार विटामिन डी, आयरन और फोलिक एसिड की कमी से महिलाओं में बांझपन की समस्या बढ़ रही है।
3. प्रदूषण
वायु प्रदूषण, प्लास्टिक के उपयोग और कीटनाशकों के अधिक इस्तेमाल से शरीर के अंदर टॉक्सिन्स की मात्रा बढ़ रही है। ये टॉक्सिन्स हार्मोनल असंतुलन पैदा करते हैं।
4. शारीरिक गतिविधि की कमी
शारीरिक रूप से एक्टिव ना होना और मोटापा भी बांझपन का एक प्रमुख कारण है। शोध के अनुसार, मोटापे से ग्रस्त महिलाओं को गर्भ धारण करने में और भी अधिक समय लगता है।
5. उम्र का बढ़ना
आजकल महिलाएं करियर और शिक्षा को प्राथमिकता देती है। इस कारण महिलाएं अधिक उम्र में शादी करती हैं। 35 वर्ष के बाद महिलाओं की प्रजनन क्षमता प्राकृतिक रूप से कम होने लगती है।