राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही के प्रश्नकाल के दौरान चौरासी विधानसभा सीट से विधायक अनिल कुमार कटारा ने आदिवासी क्षेत्रों में सरकारी खाद्य सामग्री की गुणवत्ता को लेकर भजनलाल सरकार को घेरने की कोशिश की। चौरासी विधानसभा क्षेत्र से विधायक अनिल कुमार कटारा ने विधानसभा की कार्यवाही के दौरान आदिवासी क्षेत्रों में सरकारी खाद्य सामग्री की गुणवत्ता पर कई सवाल उठाए। उन्होंने इन खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और अनियमितताओं को लेकर कई आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही उन्होंने आपूर्ति एजेंसी से मामले की जांच कराने तथा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में मामला दर्ज कराने की मांग की है।
सरकार आदिवासी लोगों के साथ कीड़े-मकोड़ों जैसा व्यवहार कर रही है।
चौरासी विधानसभा क्षेत्र से विधायक अनिल कुमार कटारा ने आरोप लगाया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों और छात्रावासों में घटिया गुणवत्ता वाला भोजन दिया जा रहा है। उन्होंने आपूर्ति एजेंसी पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार आदिवासी क्षेत्रों के लोगों के साथ कीड़े-मकोड़ों जैसा व्यवहार कर रही है। कटारा ने कहा कि उपलब्ध कराई जा रही सामग्री की गुणवत्ता बेहद खराब है और इससे आदिवासी बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पैदा हो रहा है। उन्होंने राज्य सरकार से पूरे मामले की जांच कर एसीबी में मामला दर्ज करने की मांग की। कटारा के इस बयान के बाद विपक्ष ने भी सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इस मुद्दे पर विधानसभा में चर्चा हुई और सरकार से तत्काल कार्रवाई करने को कहा गया।
पीसीसी प्रमुख ने भी यह मुद्दा उठाया।
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मां बाड़ी केंद्रों में हो रहे घोटाले को लेकर एक अखबार में छपी खबर के आधार पर भजनलाल सरकार से सवाल पूछा था। इसे सोशल मीडिया 'एक्स' पर शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि भाजपा सरकार भ्रष्टाचार की भूख में आदिवासी बच्चों का खाना भी खा गई। कैसी डकैती हो रही है! मुख्यमंत्री जी... इस घोटाले का पैसा कहां जा रहा है? बच्चों का खाना खाने वाले मंत्रियों और अधिकारियों पर कार्रवाई कब होगी? "अवैध खनन, बजरी, टेंडर, ट्रांसफर पोस्टिंग, आरटीओ जैसे हर काम में भ्रष्टाचार के दरवाजे खुले हैं, भाजपा सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है।"