कनाडा के नए पीएम मार्क कार्नी ने ट्रंप पर साधा निशाना, टैरिफ वॉर पर दिया कड़ा बयान
Webdunia Hindi March 10, 2025 06:42 PM

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कनाडा में हुए आम चुनावों में लिबरल पार्टी के नेता मार्क कार्नी (Mark Carney) को भारी बहुमत से प्रधानमंत्री चुना गया है। उन्हें 85.9% वोट मिले, जो दर्शाता है कि जनता ने उन्हें बड़े विश्वास के साथ सत्ता सौंपी है। लेकिन कार्नी को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों से बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कनाडा के सामानों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों में तनाव बढ़ गया है। हालांकि, अमेरिका ने इस टैरिफ की डेडलाइन 4 अप्रैल तक बढ़ा दी है, लेकिन कनाडा इस फैसले से नाराज है।

मार्क कार्नी ने अपने पहले ही भाषण में ट्रंप की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा, "डोनाल्ड ट्रंप ने हमारी अर्थव्यवस्था पर अनुचित टैक्स लगाए हैं। वह हमारे मजदूरों, परिवारों और व्यवसायों पर हमला कर रहे हैं। लेकिन हम उन्हें सफल नहीं होने देंगे।"

कार्नी ने यह भी साफ किया कि जब तक अमेरिका कनाडा के प्रति सम्मानजनक रवैया नहीं अपनाएगा, तब तक जवाबी टैरिफ लगाए जाएंगे।

हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने एक विवादास्पद बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि "कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बना देना चाहिए।" इस बयान पर कनाडा में भारी आक्रोश देखने को मिला।

मार्क कार्नी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा, "हमने अमेरिका को दुनिया का सबसे महान देश बनाने में मदद की है और अब वे हमें हड़पना चाहते हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं होगा।"

उन्होंने आगे कहा,"अमेरिका हमारे संसाधन, हमारी जमीन और हमारी पहचान को खत्म करना चाहता है। लेकिन कनाडा एक स्वतंत्र देश है और हमेशा रहेगा। अमेरिका एक 'Melting Pot' (सांस्कृतिक पिघलने वाली हांडी) है, जबकि कनाडा एक 'Mosaic' (विविध संस्कृतियों का मेल) है। हम किसी भी रूप में अमेरिका का हिस्सा नहीं बनेंगे।"

मार्क कार्नी अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ हैं और अमेरिका की प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर चुके हैं। उन्होंने साल 2008 में बैंक ऑफ कनाडा के गवर्नर के रूप में काम किया। उनकी नीतियों के कारण कनाडा की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली, और साल 2012 में उन्हें 'सेंट्रल बैंक गवर्नर ऑफ द ईयर' का खिताब भी मिला।

अब बतौर प्रधानमंत्री, कार्नी के सामने सबसे बड़ी चुनौती अमेरिका के साथ बिगड़ते रिश्तों को संभालने और कनाडाई अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाए रखने की होगी। देखना होगा कि वह ट्रंप की नीतियों का कैसे जवाब देते हैं और कनाडा की संप्रभुता को कैसे बरकरार रखते हैं।

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