Himachali Khabar – (Dearness allowance)। इस समय जहां एक और जनवरी से मिलने वाले महंगाई भत्ते का केंद्रीय कर्मचारी इंतजार कर रहे हैं, वहीं दूसरी और इसे मर्ज करने को लेकर भी कर्मचारियों के बीच चर्चाएं तेज हो गई हैं। अब सरकार इसे कभी भी बेसिक सैलरी में मर्ज कर सकती है। जैसे ही डीए मर्ज हो जाएगा तो वेतन में भी काफी बदलाव आएगा। इस समय पर 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission DA update) के अनुसार कर्मचारियों को डीए दिया जा रहा है, जो जल्द ही मर्ज हो सकता है।
डीए में की सरकार ने इतनी बढ़ौतरी-
डीए 2025 की बढ़ौतरी (DA Hike) पर सरकार का अंतिम फैसला आना बाकी है। इस बार दो से तीन प्रतिशत की बढ़ौतरी की जा सकती है। बता दें कि पिछली साल सरकार ने 2024 में दो बार में 7 प्रतिशत डीए (7th Pay Commission DA merge) बढ़ाया था। 2023 तक यह 46 प्रतिशत ही था। दिसंबर 2024 तक यह बढ़कर 53 प्रतिशत हो गया। जब भी डीए में देरी होती है तो एरियर दे दिया जाता है। डीए 1 जनवरी व 1 जुलाई से साल में दो बार बढ़ाया जाता है लेकिन आमतौर पर दो तीन माह बाद इसकी घोषणा की जाती है। जनवरी 2024 के लिए डीए 4 प्रतिशत तो जुलाई 2024 के लिए 3 प्रतिशत बढ़ाया गया था।
इस दिन सरकार लेगी डीए पर फैसला-
पिछले साल सरकार ने अक्तूबर 2024 में डीए को 3 प्रतिशत बढ़ाया था, जिसके बाद यह 53 प्रतिशत पहुंच गया था। जैसे ही डीए 50 प्रतिशत से ऊपर पहुंचा तो इसके मर्ज होने की बातें सामने आने लगीं। अब डीए को कभी भी बेसिक सैलरी (basic salary) के साथ मर्ज किया जा सकता है। मर्ज होते ही वेतन स्ट्रक्चर में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
डीए मर्ज होने का कारण-
जब भी डीए 50 प्रतिशत से ऊपर चला जाता है तो डीए को बेसिक सैलरी में मर्ज कर दिया जाता है। इस बार भी चर्चाएं चल रही हैं कि 53 प्रतिशत तक पहुंच चुके भत्ते को अब सैलरी में मर्ज (7th Pay Commission DA merge) किया जा सकता है। इस बारे में ये भी दावे किए जा रहे हैं कि केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि डीए को अब मर्ज (Basic salary DA merge) करने किया जा सकता है। हालांकि सरकार की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। इस तरह का प्रावधान पांचवें वेतन आयोग के दौरान भी सामने आया था।
पहले भी हो चुका डीए मर्ज-
ऐसा नहीं है कि डीए को कभी बेसिक सैलरी में मर्ज नहीं किया गया। छठे वेतन आयोग के तहत ऐसा किया गया था। इसीलिए कर्मचारियों के बीच डीए मर्ज होने की चर्चाएं होती रहती हैं। सरकार की ओर से पहले भी डीए को मर्ज किया गया है। 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission latest update) के तहत साल 2004 में ऐसा किया गया था, तब डीए 50 प्रतिशत से ऊपर हो गया था। इसे बेसिक सैलरी में मर्ज कर दिया गया था। बाद में इन नियमों में परिवर्तन कर दिया गया था।
सैलरी पर पड़ेगा यह प्रभाव –
इस समय कर्मचारियों को 18 हजार रुपये मिनिमम बेसिक सैलरी (minimum basic salary) मिल रही है जो 7वें वेतन आयोग के अनुसार दी जा रही है। इसी पर 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता भी अलग से मिल रहा है। जब भी इसे बेसिक सैलरी में मर्ज (DA merge in salary)कर दिया जाएगा तो पूरी वेतन संरचना में बदलाव आएगा। इसे मर्ज करते ही अन्य अलाउंस और भत्तों पर भी असर पड़ेगा।