गाड़ी के टायर कब बदलने चाहिए? जानिए सही टाइमिंग और बदलवाते समय जरूरी टिप्स
Himachali Khabar Hindi March 16, 2025 12:42 AM

अगर आपकी गाड़ी के टायर में दिख रहे हैं ये संकेत, तो तुरंत कराएं बदलाव! सफर के दौरान बड़ी दुर्घटना से बचने के लिए जानें कब और कैसे टायर बदलना जरूरी है

ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। किसी भी वाहन की सुरक्षा और परफॉर्मेंस में उसके टायर का अहम योगदान होता है। टायर को सही समय पर बदलवाना न केवल आपकी गाड़ी की उम्र बढ़ाता है, बल्कि आपके सफर को भी सुरक्षित और आरामदायक बनाता है। ऐसे में सवाल उठता है कि गाड़ी के टायर को कितने किलोमीटर चलाने के बाद बदल देना चाहिए और इसे बदलवाने के दौरान किन जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

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कितना चलाने के बाद बदलें टायर? किलोमीटर के आधार पर

सामान्यतः गाड़ी के टायर को 40,000 से 50,000 किलोमीटर तक चलाने के बाद बदलने की सलाह दी जाती है। हालांकि, यह अवधि वाहन के मॉडल, ड्राइविंग कंडीशन और टायर की क्वालिटी पर निर्भर करती है। यदि आप लंबी दूरी का सफर करते हैं या फिर तेज रफ्तार में गाड़ी चलाते हैं, तो टायर की उम्र अपेक्षाकृत कम हो सकती है।

टायर की उम्र के आधार पर

आमतौर पर टायर को 4-5 साल के भीतर बदल देना चाहिए, भले ही गाड़ी ज्यादा न चली हो। दरअसल, टायर की रबर समय के साथ कठोर हो जाती है और उसकी सड़क पकड़ने की क्षमता घटने लगती है। इससे वाहन की सुरक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

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टायर की स्थिति के आधार पर

टायर के घिसने के बाद उसकी परफॉर्मेंस कम होने लगती है। यदि टायर में दरार, कट या बबल (फुलाव) दिखाई दे रहा हो, तो यह संकेत है कि टायर को बदलने का समय आ गया है। इसके अलावा, यदि वाहन चलाते समय कोई असामान्य कंपन या संतुलन में गड़बड़ी महसूस होती है, तो टायर की स्थिति की तुरंत जांच करानी चाहिए।

टायर बदलवाते समय इन बातों का रखें ध्यान टायर का प्रकार

अपनी गाड़ी के लिए सही टायर का चुनाव करना बेहद जरूरी है। बाजार में सामान्य टायर, ऑल-सीजन टायर और हाई परफॉर्मेंस टायर जैसी कई वैरायटी उपलब्ध हैं। गाड़ी के मॉडल, मौसम और आपकी ड्राइविंग स्टाइल के अनुसार उचित टायर का चयन करें।

टायर के पैटर्न की जांच

सड़क पर बेहतर पकड़ और ग्रिप के लिए टायर के पैटर्न का सही होना बहुत जरूरी है। ऐसे में टायर बदलवाते समय उसके पैटर्न पर विशेष ध्यान दें, ताकि ड्राइविंग सुरक्षित और सुगम हो सके।

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टायर का बैलेंस और एलाइनमेंट

टायर बदलते समय वाहन के टायर बैलेंस और व्हील एलाइनमेंट की जांच कराना जरूरी है। इससे गाड़ी की स्थिरता बनी रहती है और ड्राइविंग में परेशानी नहीं होती।

ब्रांड का चयन

टायर बदलते समय हमेशा भरोसेमंद और नामी ब्रांड के टायर का ही चयन करें। सस्ते और अनजान ब्रांड के टायर का इस्तेमाल करने से वाहन की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

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