केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर गर्भवती महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठा रही हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण पहल है आंगनवाड़ी लाभार्थी योजना। इस योजना के जरिए गर्भवती महिलाओं को आर्थिक मदद दी जाती है, ताकि वे अपनी और अपने बच्चों की सेहत का ख्याल रख सकें।
हमारे देश में कई महिलाएं ऐसी हैं, जो गरीबी के कारण अपने परिवार की जरूरतों को पूरा नहीं कर पातीं। इस वजह से छोटे बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं और गर्भवती महिलाओं को भी कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसी चुनौती से निपटने के लिए सरकार ने यह योजना शुरू की है। इसके तहत हर महीने ₹2500 की सहायता राशि दी जाती है, जिससे महिलाओं का खान-पान बेहतर हो सके और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो।
यह योजना खास तौर पर बिहार सरकार की ओर से शुरू की गई एक कल्याणकारी पहल है, जिसे साल 2022 में लागू किया गया था। इसका मकसद गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की मांओं को सपोर्ट करना है। योजना के तहत 0 से 6 साल तक के बच्चों की मांओं को हर महीने ₹2500 की मदद मिलती है।
इसका उद्देश्य मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य को बेहतर करना और महिलाओं को जरूरी सहायता पहुंचाना है। यह योजना न सिर्फ आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है, बल्कि बच्चों के भविष्य को भी सुरक्षित करने में मदद कर रही है।
इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें हैं। आवेदन सिर्फ बिहार की स्थायी निवासी महिलाएं ही कर सकती हैं। साथ ही, आवेदक का आंगनवाड़ी सेविका न होना जरूरी है। गर्भवती महिलाएं और 6 साल से कम उम्र के बच्चों की मांएं इसके लिए पात्र हैं। आवेदन के लिए आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक, मां-बच्चे की फोटो और मोबाइल नंबर जैसे दस्तावेज चाहिए।
आवेदन प्रक्रिया भी आसान है। आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भरें, दस्तावेज अपलोड करें और सबमिट करें। इसके बाद आपकी जानकारी की जांच होगी। अगर आप पात्र हुईं, तो हर महीने आपके खाते में ₹2500 आएंगे। यह योजना मां और बच्चे के बेहतर कल के लिए एक भरोसेमंद कदम है।