कांग्रेस नेता पवन खेड़ा
महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार को हुई हिंसा के संदर्भ में कांग्रेस ने बीजेपी की राज्य और केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है। पार्टी का कहना है कि यह घटना सत्तारूढ़ प्रशासन की विचारधारा का असली चेहरा उजागर करती है। औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए एक संगठन द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान अफवाहों के चलते नागपुर में तनाव उत्पन्न हुआ, जिसके परिणामस्वरूप कई स्थानों पर आगजनी और पथराव की घटनाएं हुईं।
पुलिस ने चिटनिस पार्क और महल क्षेत्रों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। बताया गया है कि दोपहर के समय कोतवाली और गणेशपेठ में भी हिंसा फैल गई।
कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि नागपुर में दंगों की घटनाएं अत्यंत चिंताजनक हैं। उन्होंने कहा कि महल मुख्यमंत्री का क्षेत्र है और नागपुर के 300 वर्षों के इतिहास में यहां कभी दंगे नहीं हुए। पिछले कुछ दिनों से 300 साल पुराने इतिहास का उपयोग विभाजन और अशांति फैलाने के लिए किया जा रहा है। पवन खेड़ा ने कहा कि यह हिंसा सत्तारूढ़ प्रशासन की विचारधारा का असली चेहरा दिखाती है।
महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि नागपुर की हिंसा राज्य के गृह विभाग की विफलता है। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री जानबूझकर भड़काऊ भाषण दे रहे हैं। सपकाल ने विदर्भ के लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की।
सपकाल ने कहा कि नागपुर में सभी धर्मों के लोग शांति से रहते हैं। यह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का शहर है। उन्होंने कहा कि शहर में तनाव और हिंसा गृह विभाग की पूरी विफलता है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अतुल लोंधे पाटिल ने कहा कि यह घटना नागपुर के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि नागपुर में धार्मिक सद्भाव और भाईचारे की भावना हमेशा से मजबूत रही है।
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है और यह सब पुलिस की निगरानी में हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर नफरत फैलाने वाले मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो देश में शांति भंग होगी।