नई दिल्ली। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि रेलवे की प्राथमिकता ट्रेनों और स्टेशनों पर भीड़ को नियंत्रित करना है। उन्होंने कहा कि विशेष अवसरों पर अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन किया जाएगा।
रेलवे स्टेशनों के कर्मचारियों के लिए नए डिजाइन के कार्ड और यूनिफार्म तैयार किए जा रहे हैं। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ट्रेनों में उपलब्ध सीटों के अनुसार ही टिकट जारी किए जाएं। इसके अलावा, स्टेशन डायरेक्टर का नया पद भी स्थापित किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य ट्रेनों को समय पर चलाना है।
लोकसभा में रेल मंत्री ने अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान जानकारी दी। इस दौरान कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य वेल में खड़े होकर हंगामा कर रहे थे, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान में दिल्ली स्टेशन की भगदड़ का उल्लेख न होने का विरोध कर रहे थे।
भारत को रेल कोच का निर्यातक बताते हुए रेल मंत्री ने कहा कि बिहार के मढौरा में निर्मित लोकोमोटिव जल्द ही कई देशों में भेजे जाएंगे। सऊदी अरब और फ्रांस जैसे देशों में ट्रेनों के बोगियों और उपकरणों का निर्यात किया जा रहा है। भारत में निर्मित मेट्रो कोच भी ऑस्ट्रेलिया भेजे जा रहे हैं।
जल्द ही तमिलनाडु में निर्मित रेल पहियों का भी निर्यात किया जाएगा। ट्रेनों की देरी को लेकर विपक्ष की चिंताओं का उल्लेख करते हुए रेल मंत्री ने समय सारणी के पालन को आवश्यक बताया।
उन्होंने कहा कि रेलवे के 68 डिवीजन में से 49 में 80 प्रतिशत तक समय में सुधार किया गया है, जबकि 12 डिवीजन में 95 प्रतिशत मामलों में ट्रेनें समय पर चल रही हैं।
अश्विनी वैष्णव ने रेलवे को आत्मनिर्भर बताते हुए कहा कि कोरोना महामारी के बाद रेलवे अब अपने खर्चों को अपने राजस्व से पूरा कर रहा है। धीरे-धीरे इसमें मजबूती आ रही है।
उन्होंने बताया कि पिछले दस वर्षों में 34,000 किलोमीटर नई रेल पटरियां बनाई गई हैं और 50,000 किलोमीटर पटरियों की मरम्मत की गई है। अवसंरचना विकास में भी प्रगति हुई है, जिसमें 12,000 फ्लाईओवर और अंडरपास का निर्माण शामिल है। हर साल 1,400 लोकोमोटिव बनाए जा रहे हैं, जो अमेरिका और यूरोप के कुल उत्पादन से भी अधिक हैं।