बाड़मेर न्यूज़ डेस्क - साइबर अपराध को लेकर पाकिस्तान के पीआईओ (पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स) की नापाक हरकतों का जवाब सीमा पर स्थित स्कूलों में होने वाली प्रार्थना सभाओं में मिलेगा। शिक्षा विभाग स्कूलों में विशेष प्रार्थना सभाओं का आयोजन करेगा। पुलिस, बीएसएफ और शिक्षा विभाग संयुक्त रूप से यहां पहुंचकर 10वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को साइबर अपराध और पाकिस्तानी करतूतों के बारे में जागरूक करेंगे।पाकिस्तान इंटेलिजेंस ने सीमा पर अपना नेटवर्क बढ़ाने के लिए फ्रॉड कॉल के जरिए लोगों को फंसाना शुरू कर दिया है। मोबाइल पर हनीट्रैप और अश्लील वीडियो शेयर किए जा रहे हैं। इसके साथ ही मीठी-मीठी बातों के वीडियो लिंक भेजकर भी लुभाया जा रहा है। लिंक पर क्लिक करने या हनीट्रैप वीडियो देखने वालों को धीरे-धीरे झांसे में लेकर उनसे सीमा के बारे में जानकारी ली जा रही है। बीएसएफ को इस बारे में जानकारी होने के बाद अब शिक्षा विभाग भी सतर्क हो गया है। शिक्षा विभाग 10वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को साइबर अपराध के बारे में जागरूक करेगा।
04 क्षेत्रों में विशेष अभियान
सीमावर्ती क्षेत्र के चौहटन, गडरारोड, शिव, रामसर से जुड़े माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में विशेष प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया जाएगा। इन प्रार्थना सभाओं में साइबर विशेषज्ञों या संस्था प्रधान के माध्यम से विद्यार्थियों को करीब एक घंटे तक साइबर अपराध के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही उन्हें आसपास के क्षेत्रों व परिवार में साइबर अपराध रोकने के लिए प्रेरित भी किया जाएगा।
250 से अधिक स्कूल हैं पहला लक्ष्य
इन सीमावर्ती क्षेत्रों में 250 से अधिक स्कूलों को शुरुआती लक्ष्य के रूप में लिया गया है। इस प्रार्थना सभा में तीस हजार से अधिक विद्यार्थी शामिल होंगे। जहां उन्हें साइबर अपराध को समझने का प्रशिक्षण मिलेगा।
पीआईओ हमले का जवाब
पीआईओ का लक्ष्य युवा व मध्यम आयु वर्ग के लोग हैं। स्कूलों में 10वीं व 12वीं के विद्यार्थी 16 से 19 वर्ष आयु वर्ग के हैं। ये विद्यार्थी आसानी से मोबाइल चलाते हैं और इसके सभी डाटा की जानकारी रखते हैं। विद्यार्थियों का एक ही समय में साइबर अपराध के प्रति जागरूक होना पीआईओ के मंसूबों पर पानी फेर सकता है।
विशेष प्रार्थना सभाएं आयोजित की जाएंगी
राजस्थान पत्रिका की आज की खबर प्रेरणादायी रही। जिला प्रशासन ने बैठक कर अधिकारियों को साइबर क्राइम के बारे में जानकारी दे दी है। अब हम विशेष प्रार्थना सभाएं आयोजित करेंगे। सीमावर्ती स्कूलों में कक्षा 10वीं से 12वीं के विद्यार्थियों को इसके बारे में जानकारी दी जाएगी। हम संस्था प्रधान और विषय विशेषज्ञों की मदद लेंगे। साथ ही हम यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि बीएसएफ, पुलिस और अन्य विशेषज्ञ भी वहां पहुंचें। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अगले 15 दिनों में सीमावर्ती हर स्कूल में ये प्रार्थना सभाएं आयोजित की जाएं।