पुरानी पेंशन बहाली के लिए 260 किलोमीटर की ऐतिहासिक यात्रा मुजफ्फरनगर पहुंची
Gyanhigyan March 19, 2025 08:42 PM
यात्रा का उद्देश्य और महत्व

मुजफ्फरनगर में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर एक महत्वपूर्ण पैदल यात्रा मंगलवार शाम को पहुंची। यह यात्रा देहरादून से शुरू होकर दिल्ली के जंतर मंतर पर समाप्त होगी। ‘राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड’ के अध्यक्ष बीपी सिंह रावत के नेतृत्व में यह 260 किलोमीटर की यात्रा 16 मार्च को देहरादून के शहीद चौक से आरंभ हुई थी और अब मुजफ्फरनगर तक पहुंच चुकी है। यह यात्रा 23 मार्च को जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन के साथ समाप्त होगी।

यात्रा का उद्देश्य स्पष्ट है। बीपी सिंह रावत ने इसे “मार्मिक एवं संघर्ष यात्रा” कहा है। उन्होंने कहा, “हम पुरानी पेंशन की बहाली की मांग कर रहे हैं, जो वर्षों से लंबित है। हम कोई असंभव चीज नहीं मांग रहे, बल्कि अपने अधिकार की मांग कर रहे हैं।” उन्होंने इसे कर्मचारियों के अधिकारों की लड़ाई बताया और केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उनकी मांगों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

प्रधानमंत्री मोदी को चेतावनी देते हुए बीपी सिंह ने कहा, “2024 के चुनाव में हम आपको समर्थन देने आए थे, लेकिन यदि हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो हम उस समर्थन को वापस ले लेंगे।” यह बयान कर्मचारियों के गुस्से और एकजुटता को दर्शाता है, जो पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।

यात्रा का मार्ग हरिद्वार, रुड़की, पुरकाजी, मुजफ्फरनगर, खतौली, मेरठ, मोदीनगर, मुरादनगर, गाजियाबाद और नोएडा जैसे शहरों से होकर गुजरता है। 260 किलोमीटर की यह यात्रा कर्मचारियों के संकल्प और उनकी मांग की गंभीरता को दर्शाती है। बीपी सिंह के नेतृत्व में यह यात्रा नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) और प्रस्तावित यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) के खिलाफ विरोध का प्रतीक बन गई है।

[Image: 260 किलोमीटर की यात्रा जंतर-मंतर पर रूकेगी।]

कर्मचारियों का आक्रोश राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग कर रहा है। उनका कहना है कि एनपीएस और यूपीएस कर्मचारियों के हितों के खिलाफ हैं। इस यात्रा के माध्यम से वे सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं ताकि उनकी मांगों को गंभीरता से लिया जाए।


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