लोकसभा में एआई टूल्स के जरिए संसदीय कार्यों को मिलेगा नया आयाम | CliqExplainer
Cliq India March 19, 2025 10:42 PM

लोकसभा में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स का उपयोग किया जाएगा, जिससे बहसों का लाइव अनुवाद और ट्रांसक्रिप्शन संभव हो सकेगा। यह पहल सांसदों को विभिन्न भाषाओं में त्वरित सहायता प्रदान करने के साथ-साथ प्रशासनिक प्रक्रियाओं को अधिक सुगम बनाएगी।

संस्कार एआई समाधान के विकास के लिए समझौता
मंगलवार को लोकसभा सचिवालय ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में हुए इस समझौते के तहत संसदीय कार्यों को एआई तकनीक से सशक्त बनाया जाएगा।

‘संस्कार भाषिणी’ पहल से भाषायी विविधता को बढ़ावा
इस पहल के तहत ‘संस्कार भाषिणी’ नामक परियोजना शुरू की जाएगी, जिसका उद्देश्य बहुभाषी संवाद को सुगम बनाना और संसदीय प्रक्रियाओं को आधुनिक बनाना है। लोकसभा सचिवालय के अनुसार, यह पहल संसद के विशाल डाटा को एकीकृत कर कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी बनाएगी।

विरासत दस्तावेजों और संसदीय चर्चाओं का स्वचालित अनुवाद
इस पहल के तहत एआई-आधारित अनुवाद प्रणाली विकसित की जा रही है, जिससे संसदीय बहसों, एजेंडा फाइलों, समिति बैठकों और अन्य संसदीय दस्तावेजों का स्वचालित रूप से क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया जा सकेगा। इससे देशभर के नागरिकों को संसदीय कार्यवाही को अधिक आसानी से समझने में मदद मिलेगी।

संसद की वेबसाइट पर एआई-आधारित चैटबॉट
इसके अलावा, संसद की आधिकारिक वेबसाइट पर एक एआई-आधारित चैटबॉट भी विकसित किया जा रहा है। यह सांसदों और अधिकारियों को संसदीय नियमों और आवश्यक दस्तावेजों को शीघ्रता से खोजने में सहायता करेगा। यह चैटबॉट समय के साथ उपयोगकर्ताओं की प्रतिक्रियाओं से सीखकर और अधिक प्रभावी होता जाएगा।

भाषण-से-पाठ ट्रांसक्रिप्शन प्रणाली
एक अन्य महत्वपूर्ण सुविधा ‘स्पीच-टू-टेक्स्ट’ कन्वर्जन होगी, जिससे संसद में की गई चर्चाओं का रियल-टाइम ट्रांसक्रिप्शन संभव होगा। यह सुविधा भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगी, जिससे बहसों को रिकॉर्ड करना, एक्सेस करना और संदर्भित करना आसान होगा।

विस्तृत बहसों का संक्षिप्त सारांश
एआई प्रणाली लंबी बहसों का संक्षिप्त सारांश तैयार करने में भी मदद करेगी, जिससे निर्णय प्रक्रिया को तेज और रिकॉर्ड-कीपिंग को अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।

तकनीकी-सक्षम शासन की ओर कदम
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विश्वास जताया कि यह पहल संसदीय प्रक्रियाओं में बड़ा बदलाव लाएगी। उन्होंने कहा कि ‘संस्कार भाषिणी’ बहुभाषी पहुंच को बढ़ाने, विधायी दस्तावेजों को सुव्यवस्थित करने और भारत की तकनीकी रूप से सशक्त शासन व्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

एआई टूल्स का यह एकीकरण भारतीय संसदीय प्रणाली को आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। बहुभाषी समर्थन, स्वचालित ट्रांसक्रिप्शन और त्वरित संसदीय सहायता जैसे एआई-संचालित समाधानों के माध्यम से, यह पहल संसदीय कार्यों को अधिक पारदर्शी, प्रभावी और सुलभ बनाने का प्रयास कर रही है।

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