गांधीनगर, 19 मार्च . राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बुधवार को विधानसभा में बताया कि राज्य के सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ उपलब्ध कराने के लिए सरकार के प्रयास जारी हैं. राज्य में अब डाक्टरों की कमी पूरी तरह से दूर कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य संस्थाओं के लिए वर्ग-2 के 1921 और स्टाफ नर्स वर्ग-3 के 1903 पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है. पैरा मेडिकल वर्ग-3 के खाली पदों को भरने के लिए 10 वर्षीय भर्ती कलेंडर में शामिल कर पदों के मांग पत्र भेजने की प्रक्रिया भी जारी है.
गुजरात विधानसभा में बुधवार को स्वास्थ्य केन्द्रों में मंजूर पदों की तुलना में खाली और भरे गए पदों के बारे में सवाल पूछा गया. इसका जवाब देने के दौरान मंत्री ने बताया कि विशेषज्ञ वर्ग-1 के अलग-अलग 12 कैडर के कुल 1146 पदों को भरने के लिए जीपीएससी में मांग पत्र भेजा गया है. जिनमें से पीडियाट्रिशियन और डेंटल सर्जन के सिवाय सभी कैडर में प्राथमिक चयन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. इन्टरव्यू के बाद चयन प्रक्रिया पूर्ण होने पर उम्मीदवारों को खाली जगहों पर नियुक्ति दी जाएगी. सरकारी मेडिकल कॉलेज से पीजी करने वाले उम्मीदवारों को नियुक्ति दी जाएगी. जिसके लिए फिलहाल 435 विशेषज्ञों की सूची उपलब्ध है और उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है. स्वास्थ्य आयुक्त कार्यालय द्वारा प्रतिदिन वॉक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से 11 माह की संविदा नियुक्ति दी जाती है. सीपीएस हुए लगभग 98 अभ्यर्थियों के आवेदन प्राप्त हुए हैं. इन्हें एक साल के लिए नियुक्त करने की प्रक्रिया चल रही है. वर्ग-2 के बारे में मंत्री ने बताया कि कुल 1921 जगहों को भरने के लिए जीपीएससी के जरिए 21 नवंबर, 2024 और 8 जनवरी, 2025 को विज्ञापन जारी किया गया है. इसमें करीब 13000 आवेदन मिले हैं. 30 मार्च, 2025 को परीक्षा ली जाएगी. वर्ग-3 के तहत स्टाफ नर्स की 1903 खाली जगहों पर सीधी भर्ती के लिए प्रतियोगी परीक्षा ली गई है. पैरा मेडिकल वर्ग-3 कैडर की अन्य खाली जगहों को भरने के लिए 10 वर्षीय भर्ती कैलेंडर में शामिल खाली जगहों के मांग पत्र भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई है. 10 वर्षीय भर्ती कलेंडर के अनुसार राज्य में अर्बन हेल्थ अंतर्गत 1479 जगहों को भर्ती की जाएगी.
जानकारी के अनुसार वर्ष 1995 में 8 कॉलेज में यूजी की 925 सीटें थीं. अब इसकी संख्या 41 कॉलेज में 7250 सीट है. इसकी वजह से वर्ग-2 डॉक्टर उपलब्ध होने से अधिकांश वर्ग-2 की जगहों को वलसाड और तापी जिले में भरा हुआ है. इसी प्रकार वर्ष 1995 में पीजी में 688 सीटों के मुकाबले 3719 सीटें हैं और 1011 सीटें बढ़ाने के लिए अनिवार्यता प्रमाणपत्र जारी किया गया है. इसलिए आने वाले समय में क्लास-1 की कमी भी पूरी हो सकती है.
तापी और वलसाड जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों में मंजूर कर्मचारियों की संख्या और खाली पदों के संबंध में मंत्री ने बताया कि तापी जिले में वर्ग-1 में कुल 54.68 फीसदी और वर्ग-2 में 85.50 फीसदी और वर्ग-3 और 4 में 76.04 फीसदी, इसी तरह वलसाड जिले में वर्ग-1 में 42.5 और वर्ग-2 में 93.02 फीसदी और वर्ग-3 और वर्ग-4 में 49.36 फीसदी कर्मचारी भरे हुए हैं. तापी जिले में रिक्त पदों को भरने के लिए किए गए प्रयासों के संबंध में, मंत्री ने कहा कि पिछले 2 वर्षों में सी.पी.एस. बॉन्डेड-16, पी.जी. बॉन्डेड-13 एवं 11 माह संविदा-29 कुल 58 की नियुक्ति की गयी है. तापी के 38 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में 68 में से 62 एमओ की जगह भरी है. तापी जिले के सामूहिक स्वास्थ्य केन्द्र में विशेषज्ञ वर्ग-1 में 12 में से 4 भरी है. खाली जगहों पर समीप के हॉस्पिटल से विशेषज्ञों को भी सप्ताह में कुछ दिन डेप्युटेशन पर सेवा लिया जाता है. एमओ वर्ग-2 की सभी 24 जगह भरी हुई है. तापी जिले के हॉस्पिटल में वर्ग-1 की 45 में से 31 और वर्ग-2 के 30 में से 26 जगह भरी हुई है. वलसाड जिले की जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा कि पिछले 2 वर्षों में सी.पी.एस. बॉन्डेड-9, पी.जी. बॉन्डेड-10 एवं 11 माह अनुबंध आधारित-15 कुल 34 की नियुक्ति की गयी है. वलसाड में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के. एम.ओ. में क्लास-2 के 93 में से 91 पद भरे हुए हैं. वलसाड के सामूदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के विशेषज्ञ 32 पदों में 11 भरे हुए हैं. एम ओ वर्ग-2 की सभी 40 जगह भरी है. वलसाड जिला हॉस्पिटल में वर्ग-1 की 37 में से 23 और वर्ग 2 की 23 में से 21 जगह भरी हुई है.
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/ बिनोद पाण्डेय