कोलकाता, 19 मार्च . कोलकाता पुलिस ने 69 बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किए हैं, जिन्होंने अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारतीय पासपोर्ट हासिल किया था. पुलिस को आशंका है कि ये घुसपैठिए अब भी पश्चिम बंगाल सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में छिपे हो सकते हैं और अन्य देशों में भागने की फिराक में हैं. राज्य में फर्जी पासपोर्ट रैकेट का भंडाफोड़ होने के बाद जांच में इनके नाम सामने आए हैं.
इस मामले में देश की विभिन्न एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है. जांच से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इमिग्रेशन, कस्टम्स और सीमा सुरक्षा बलों सहित अन्य एजेंसियों को इन 69 बांग्लादेशी नागरिकों का ब्योरा सौंपा गया है. पुलिस को संदेह है कि इन अवैध घुसपैठियों को दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है. पहली श्रेणी में वे लोग आते हैं जो आर्थिक शरणार्थी हैं और आजीविका की तलाश में भारत आए थे. दूसरी श्रेणी में वे लोग हो सकते हैं जिनके संबंध बांग्लादेश में सक्रिय आतंकी संगठनों से हैं और जो पश्चिम बंगाल में स्लीपर सेल स्थापित करने के इरादे से भारत में दाखिल हुए हैं.
पिछले हफ्ते कोलकाता पुलिस ने पश्चिम बंगाल में सक्रिय फर्जी पासपोर्ट रैकेट से जुड़ी चार्जशीट कोलकाता की एक निचली अदालत में दाखिल की थी. इस चार्जशीट में कुल 130 लोगों के नाम शामिल हैं, जिनमें 120 बांग्लादेशी नागरिक और 10 भारतीय नागरिक हैं. बांग्लादेशी नागरिकों पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारतीय पासपोर्ट हासिल करने का आरोप है, जबकि भारतीय नागरिकों पर इन घुसपैठियों को फर्जी पहचान पत्र और पासपोर्ट उपलब्ध कराने में मदद करने का आरोप है.
पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि इस फर्जीवाड़े में एक खास पैटर्न अपनाया गया था. चार्जशीट में कोलकाता पुलिस के सुरक्षा नियंत्रण संगठन में तैनात रहे सेवानिवृत्त सहायक निरीक्षक अब्दुल हई का नाम भी मुख्य षड्यंत्रकारी के रूप में शामिल किया गया है. इस साल गिरफ्तार किए गए अब्दुल हई पर आरोप है कि उन्होंने 52 फर्जी पासपोर्ट आवेदनों के पुलिस सत्यापन को मंजूरी दी थी और इसके बदले बड़ी रकम वसूली थी.
/ ओम पराशर