झालावाड़ न्यूज़ डेस्क - झालावाड़ जिले की भवानीमंडी पंचायत समिति की मोगरा ग्राम पंचायत में फर्जी दस्तावेज और सरपंच-वीडीओ के फर्जी मुहर-हस्ताक्षर से तीन दर्जन से अधिक फर्जी पट्टे बना दिए गए। इन पट्टों से बैंकों से लोन भी लिया गया और मकान भी बनवा लिए गए। करीब पांच माह पहले इस बारे में मामला दर्ज हुआ था। जांच में अब तक 32 पट्टे फर्जी पाए गए हैं, लेकिन दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जानकारी के अनुसार मोगरा गांव में अज्ञात लोगों ने सरकारी, चरागाह और आबादी भूमि पर फर्जी पट्टे बनाकर पट्टाधारकों से करीब 60 से 70 हजार रुपए हड़प लिए। न केवल फर्जी पट्टे बनाकर बेचे गए, बल्कि उन्हें लोन सुविधा भी मुहैया करवाई गई।
रिकॉर्ड से नहीं हुआ मिलान
जब मोगरा पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी राहुल और सरपंच रणजीत सिंह को फर्जी पट्टों के बारे में पता चला तो उन्होंने मामले की जांच शुरू की। इसके लिए मोगरा पंचायत द्वारा जनवरी 2024 से अक्टूबर तक बनाए गए पट्टों की सूची तहसील कार्यालय से ली गई और पंचायत के रिकॉर्ड से उसका मिलान किया गया। इस दौरान करीब 32 पट्टे फर्जी पाए गए। तहसील से रिकॉर्ड लेकर जांच में पता चला कि बनाए गए पट्टों पर सरपंच, वीडीओ और तत्कालीन वीडीओ ममता मीना की फर्जी मुहरें और फर्जी हस्ताक्षर हैं।
रिपोर्ट देने के बाद भी बन रहे फर्जी पट्टे
वीडीओ राहुल ने बताया कि फर्जी पट्टों को लेकर उन्होंने दिसंबर माह में ही थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद भी एक माह पहले फर्जी पट्टाधारक द्वारा तहसील में पट्टा दर्ज कराया जा रहा था।
उनका कहना है
हमने इन पट्टों का मिलान किया है, जिसमें मेरे और सरपंच के हस्ताक्षर और मुहर फर्जी हैं। इन पट्टों को निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।