FD पर निवेश: वर्तमान समय में निवेश के कई विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन निश्चित निवेश, जैसे कि फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), पर लोगों का भरोसा अधिक है। आज भी, अधिकांश निवेशकों के पोर्टफोलियो में FD शामिल है, जिसे एक सुरक्षित निवेश माना जाता है।
FD पर मिलने वाले ब्याज पर आयकर लागू होता है। यदि आपकी वार्षिक आय 40,000 रुपये से अधिक है, तो बैंक TDS काटता है। सीनियर सिटीजंस के लिए यह सीमा 50,000 रुपये है। यदि आपकी आय टैक्सेबल लिमिट से कम है, तो आप 15G और 15H फॉर्म भरकर TDS कटौती से बच सकते हैं।
फॉर्म 15G: यह फॉर्म उन व्यक्तियों द्वारा भरा जाता है जो आयकर के दायरे में नहीं आते। 60 वर्ष से कम आयु के लोग इसे भर सकते हैं। यह फॉर्म बैंक को आपकी वार्षिक आय की जानकारी देता है, जिससे TDS नहीं काटा जाता।
फॉर्म 15H: यह फॉर्म सीनियर सिटीजंस द्वारा भरा जाता है जिनकी टैक्सेबल आय शून्य है। इसे भरकर वे FD पर TDS कटौती को रोक सकते हैं।
इन फॉर्म्स को उन सभी बैंकों में जमा करना आवश्यक है जहां आपने पैसा रखा है। यदि किसी अन्य स्रोत से ब्याज आय 5,000 रुपये से अधिक है, तो 15H फॉर्म भरना होगा।
ब्याज का भुगतान होने से पहले 15H फॉर्म भरना चाहिए, हालांकि यह अनिवार्य नहीं है। यदि कोई ग्राहक इन फॉर्म्स को भरने में चूक जाता है, तो वे आयकर रिटर्न में TDS का दावा कर सकते हैं और रिफंड प्राप्त कर सकते हैं।