पश्चिम बंगाल में रामनवमी की धूम, हाईअलर्ट के बीच जुलूस और शोभायात्राएं, BJP और TMC के नेता हुए शामिल
Webdunia Hindi April 07, 2025 12:42 AM

पश्चिम बंगाल में रामनवमी के अवसर पर रविवार को राज्य भर में कई शोभा यात्राएं निकाली गईं और कार्यक्रम आयोजित किए गए। अशांति की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों के नेताओं ने इस उत्सव में हिस्सा लिया। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने पूर्व मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम के सोनाचुरा गांव में राम मंदिर की आधारशिला रखी।

पश्चिम बंगाल में रामनवमी के अवसर पर करीब 2,500 शोभा यात्राएं निकालने का कार्यक्रम है और इस दौरान कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए 6,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।

रामनवमी के अवसर पर रविवार सुबह से ही उत्सव शुरू हो गया, जिसमें ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए जुलूस और धार्मिक आयोजन शामिल थे। श्रद्धालु भगवा झंडे, भक्ति संगीत और रामायण के दृश्यों को दर्शाती झांकियों के साथ सड़कों पर उमड़ पड़े।

अगले साल प्रस्तावित विधानसभा चुनावों से ठीक एक साल पहले रामनवमी पर आयोजित कार्यक्रमों के राजनीतिक निहितार्थ स्पष्ट थे। इसी का नतीजा रहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और तृणमूल कांग्रेस ने बड़ी संख्या में लोगों को संगठित किया।

भगवा वस्त्र पहने अधिकारी ने सोनाचुरा में मंदिर स्थल तक जुलूस का नेतृत्व किया, जहां उन्होंने ‘जय श्री राम’ के नारे के बीच आधारशिला रखी। इस मंदिर का स्थान ऐतिहासिक महत्व का है, क्योंकि यह 2007 के भूमि अधिग्रहण विरोधी प्रदर्शन स्थल के निकट है। इस प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों की गई गोलीबारी में कई लोग मारे गए थे।

भाजपा सांसद सुकांत मजूमदार हावड़ा के शिबपुर में ‘अंजनी पुत्र सेना’ रैली में शामिल हुए, जबकि उनके सहयोगी सौमित्र खान ने बांकुड़ा में रामनवमी जुलूस में अपने ‘लाठी खेल’कौशल का प्रदर्शन किया। उत्तर हावड़ा में, तृणमूल पार्षद गौतम चौधरी सालकिया में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा आयोजित एक शोभा यात्रा में शामिल हुए।

कोलकाता के निकट न्यू टाउन में भाजपा नेता लॉकेट चटर्जी की उस समय पुलिस के साथ बहस हो गई जब उसने अवरोधक लगाकर शोभा यात्रा को रोक दिया और दूसरे मार्ग से जाने को कहा।

गतिरोध के बावजूद चटर्जी ने खुद ही आगे बढ़ने की कोशिश की। इस दौरान भाजपा नेता अर्जुन सिंह भी मौके पर मौजूद थे। केष्टोपुर के पास एक शोभा यात्रा को रोका गया लेकिन वह जुलूस जारी रखने की कोशिश में लगी रहीं।

इस बीच, तृणमूल कांग्रेस विधायक शौकत मुल्ला भांगड़ में रामनवमी पर आयोजित शोभायात्रा में शामिल हुए। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) समर्थकों ने यादवपुर विश्वविद्यालय के प्रौद्योगिकी भवन में राम पूजा का आयोजन किया जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसके लिए अनुमति नहीं दी थी।

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मालदा में सांप्रदायिक सौहार्द्र का प्रदर्शन करते हुए मुसलमानों ने एक शोभायात्रा के दौरान मिठाई और पानी की बोतलें बांटी और श्रद्धालुओं को फूल भेंट किए। राज्य के उत्तरी हिस्से में भी कई स्थान पर राम नवमी पर शोभा यात्रा निकाली गई। विहिप ने कूच बिहार में राम नवमी का जुलूस निकाला।

रायगंज के इस्लामपुर में भाजपा नेता कार्तिक पाल ने एक शोभा यात्रा का नेतृत्व किया। पुलिस द्वारा अवरोधक लगाए जाने के खिलाफ पाल धरने पर बैठ गए। हालांकि बाद में पुलिस ने अवरोधक हटा लिये और शोभा यात्रा आगे बढ़ी।

अकेले कोलकाता में राम नवमी पर 60 से अधिक शोभा यात्राएं निकालने की योजना है जिसके मद्देनजर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। अधिकारी इन आयोजनों पर नजर रखने के लिए ड्रोन और सीसीटीवी की मदद भी ले रहे हैं और संवेदनशील जगहों पर त्वरित प्रतिक्रिया दल तैनात किए गए हैं।

पुलिसकर्मी लालबाजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय से शोभा यात्राओं के लाइव फुटेज पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि उत्सव शांतिपूर्ण होना चाहिए, और जुलूसों को बाधित करने का कोई भी प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रामनवमी पूरे राज्य में मनाई जाएगी, चाहे इसे रोकने के लिए कितने भी प्रयास क्यों न किए जाएं।

भाजपा की बंगाल इकाई ने दावा किया है कि इस वर्ष 1.5 करोड़ से अधिक हिंदू इस समारोह में शामिल होंगे और पूरे राज्य में 2,000 से अधिक शोभा यात्राएं आयोजित करने की योजना बनाई गई है।

तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा इन समारोहों के जरिए हिंदू वोटों को एकजुट करने की कोशिश कर रही है, ‘‘इसका (रामनवमी)अब राजनीतिकरण हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि वे अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।’’

इस बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिन्दू परिषद तथा हिन्दू जागरण मंच सहित अन्य हिन्दू संगठनों ने भी जुलूसों के लिए समर्थकों को जुटाया है। बताया जाता है कि आरएसएस ने पूरे सप्ताह में तीन करोड़ से अधिक प्रतिभागियों को शामिल करने का लक्ष्य रखा है।

कोलकाता के यादवपुर विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के समर्थक छात्रों ने परिसर के अंदर राम नवमी समारोह आयोजित करने के लिए विश्वविद्यालय अधिकारियों के आदेशो की अवहेलना की। एबीवीपी समर्थक छात्रों ने भगवान राम की मिट्टी की मूर्ति के साथ एक अस्थायी मंच स्थापित किया और परिसर में पूर्जा अर्चना कार्यक्रम आयोजित किया। राज्य प्रशासन ने हिंसा की किसी भी घटना को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं।

सुरक्षा बढ़ाए जाने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उत्सव शांतिपूर्ण रहे, क्योंकि पिछले वर्षों में राज्य में सांप्रदायिक दंगे भड़के थे। इस वर्ष की रामनवमी की पृष्ठभूमि में पड़ोसी बांग्लादेश में हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा की हालिया घटनाएं और 2026 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव शामिल हैं, जिससे यह उत्सव राजनीतिक रूप से अहम हो गया है। भाषा Edited by: Sudhir Sharma

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